हरदीबाजार, 10 अक्टूबर 2025।एसईसीएल दीपका प्रबंधन के खिलाफ आज हरदीबाजार में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिली। तहसील कार्यालय में निर्धारित त्रिपक्षीय वार्ता का ग्रामवासियों ने पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा — “जब तक एसईसीएल प्रबंधन हमारे गांव हितों की मांगों को पूरा नहीं करता, तब तक किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे!”सुबह से ही तहसील कार्यालय गेट के बाहर भारी संख्या में ग्रामीण जुटे और जमकर एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि प्रबंधन के अधिकारियों का रवैया ग्रामीणों के प्रति ठीक नहीं है।उन्होंने कई बार ज्ञापन सौंपकर अपनी सात सूत्रीय मांगें रखी थीं, जिन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ग्राम सरपंच लोकेश्वर कंवर, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर, समाजसेवी नरेश टंडन, अजय दुबे, अनिल टंडन, विजय जायसवाल, श्याम जायसवाल, रामशरण कंवर सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे और बैठक का विरोध करते हुए कहा कि “जब तक वादे पूरे नहीं, तब तक कोई वार्ता नहीं।
”बैठक में एसडीएम पाली, अपर कलेक्टर, और एसईसीएल दीपका प्रबंधक मौजूद थे, लेकिन हरदीबाजार के ग्रामीणों ने कार्यालय में प्रवेश तक नहीं किया।
ग्रामीणों ने कहा कि यह बैठक उनके नाम पर रखी गई थी, परंतु उसमें बाहरी लोगों को कुर्सियों पर बैठा दिया गया।
बताया जा रहा है कि मालगांव और आमगांव के कुछ ग्रामीण, जिनके मकान पूर्व में अधिग्रहण के दौरान तोड़े गए थे और जिनका मुआवजा अब तक लंबित है, वे बैठक में पहुंचकर अपनी समस्याएँ सामने रखीं।
हरदीबाजार के ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल दीपका प्रबंधन प्रशासनिक दबाव बनाकर जबरन सर्वे और नापी कार्य करवाना चाहता है, जबकि पूर्व अधिग्रहित गांवों में अब तक न तो उचित पुनर्वास मिला, न ही मुआवजा। ग्रामीणों ने साफ कहा — “मालगांव और आमगांव की तरह हमारी बस्ती को उजाड़ने नहीं देंगे। अपने हक की लड़ाई के लिए हरदीबाजार एकजुट है और किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
”ग्रामवासियों का कहना है कि एसईसीएल दीपका प्रबंधन के वादे केवल कागजों तक सीमित हैं, जबकि जमीन पर कुछ नहीं बदला। अब वे चाहते हैं कि पहले पुरानी मांगों पर कार्रवाई हो, तभी किसी नई वार्ता पर विचार किया जाएगा।
हरदीबाजार के लोगों ने प्रशासन को स्पष्ट संदेश दे दिया है —“अब दिखावे की बैठक नहीं, असली समाधान चाहिए — नहीं तो हरदीबाजार की आवाज अब सड़कों पर गूंजेगी।”

