दीपका।नगर पालिका परिषद दीपका में पिछले 25 वर्षों से जमी धूल आखिर हटनी शुरू हो गई है। वार्ड 11 के पार्षद अविनाश कुमार सिंह की लगातार पहल, लिखित शिकायतों और सामान्य सभा में उठाई गई कड़ी मांगों के बाद काला मैदान क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की पहली गाड़ी चल पड़ी।

लेकिन… यह शुरुआत जितनी तेज थी, उतनी ही अधूरी भी नज़र आई।पहली कार्रवाई सिर्फ छोटे दुकानदारों और कमजोर वर्गों तक सीमित रही—और यहीं से सवालों का तूफ़ान खड़ा हो गया है।लोग पूछ रहे हैं,क्या यह सिर्फ दिखावटी कार्रवाई थी?

क्या नगर पालिका सिर्फ कमजोरों पर ‘शक्ति प्रदर्शन’ कर रही है? क्या अब कांग्रेस–भाजपा के रसूखदार नेता और बड़े कब्जाधारी भी गिरेंगे या फिर मामला ठंडा कर दिया जाएगा?

सामाजिक संगठनों का आरोप है कि दीपका में सबसे ज्यादा अतिक्रमण बड़े राजनैतिक नेताओं और प्रभावशाली लोगों ने किया है, लेकिन कार्रवाई की गाड़ी उनकी दिशा में अब तक नहीं मुड़ी है।

इसी बीच सबसे बड़ा विवाद दीपका काला मैदान के सामने पाली रोड का है, जहां रसूखदारों द्वारा सरकारी जमीन पर बनाई गई दुकानों को लेकर वर्षों से शिकायतें चल रही हैं। स्थानीय लोगों ने मांग उठाई है कि यदि नगर पालिका सच में गंभीर है तो सबसे पहले इन बड़े कब्जों पर बुलडोज़र चले, ताकि कार्रवाई पर जनता का भरोसा बने।

अब दीपका का हर मोहल्ला यही सवाल पूछ रहा है कि“अतिक्रमण हटाओ अभियान… या फिर सिर्फ दिखावा?

आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा कि नगर पालिका की यह शुरुआत ईमानदार कदम है या फिर निजी स्वार्थों और राजनीतिक दबावों के आगे यह भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दफन होकर रह जाएगी।फिलहाल, 25 साल बाद चला यह पहला वार दीपका की राजनीति और प्रशासन दोनों में हलचल मचा चुका है।

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