कोरबा। स्थानीय बेरोजगारों को नीलकंठ कंपनी में प्राथमिकता से रोजगार देने की मांग को लेकर आज सुबह छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना (गैर राजनीतिक संगठन) के कार्यकर्ता बड़े स्तर पर आंदोलन करने पहुंचे। लेकिन आंदोलन शुरू होते ही पुलिस ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और बसों में भरकर कुसमुंडा थाने ले जाया गया।छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के सदस्यों ने आरोप लगाया कि नीलकण्ठ कंपनी द्वारा पूर्व में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का आश्वासन दिया गया था, परंतु कंपनी ने न तो पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की और न ही सूचीबद्ध स्थानीय ड्राइवरों को नियुक्त किया। इसके विपरीत, अन्य राज्यों से लगातार ड्राइवर बुलाकर काम कराए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय युवाओं में गहरा असंतोष है।आज सुबह निर्धारित कार्यक्रम के तहत संगठन के सदस्य नीलकण्ठ कंपनी का गेट जाम करने पहुँचे थे। आंदोलन को रोकने के लिए पहले से तैनात पुलिस बल ने उन्हें रोकते हुए सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बसों में बैठाया और उन्हें कुसमुंडा थाना ले जाया गया, जहाँ उनकी पूछताछ जारी है।संगठन ने कहा है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई अनुचित और अलोकतांत्रिक है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने के संबंध में ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन व्यापक रूप ले सकता है।इस घटना की जानकारी छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने कलेक्टर, एसडीएम, पुलिस अधीक्षक, एसईसीएल प्रबंधन और नीलकण्ठ कंपनी को भेजे गए पत्र में भी दी थी। स्थानीय युवाओं का कहना है कि अब समय आ गया है जब रोजगार को लेकर निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी।फिलहाल कुसमुंडा थाना परिसर के बाहर भी छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के अन्य सदस्य और समर्थक एकत्रित होने लगे हैं और स्थिति पर पुलिस की कड़ी निगरानी बनी हुई है।

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