कोलकाता/कोरबा।कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने खनन हादसों से प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। कंपनी के निदेशक मंडल ने 26 जून 2025 को आयोजित अपनी 480वीं बैठक में एक बड़ा निर्णय लेते हुए खदान दुर्घटनाओं में मृत कर्मचारियों एवं ठेका श्रमिकों के आश्रितों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी को मंजूरी दी।
अब ₹15 लाख नहीं, सीधे ₹25 लाख मिलेगा मुआवजाअब तक खदान दुर्घटना में मौत की स्थिति में आश्रित परिवार को ₹15 लाख की राशि दी जाती थी। लेकिन ताज़ा फैसले के बाद यह मुआवजा बढ़ाकर ₹25 लाख कर दिया गया है। यह प्रावधान सीआईएल के सभी क्षेत्रों में समान रूप से लागू होगा।
निदेशक मंडल के इस फैसले से न केवल नियमित कर्मचारियों के परिवार, बल्कि ठेका श्रमिकों के आश्रित भी लाभान्वित होंगे। कंपनी ने साफ किया है कि नई राशि का भुगतान पूर्व की तरह निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही किया जाएगा।
कर्मचारियों के दबाव और हादसों की हकीकत ने दिलाई राहत।
जानकारों का कहना है कि लगातार हो रहे खदान हादसे और प्रभावित परिवारों की बदहाली को देखते हुए लंबे समय से मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग उठ रही थी। अब जाकर सीआईएल प्रबंधन ने इस मांग को मानते हुए बड़ा कदम उठाया है।
हालांकि राहत भरे इस फैसले के साथ ही स्थानीय स्तर पर यह बहस भी शुरू हो गई है कि मुआवजा बढ़ाना तो ठीक है, मगर खदानों में सुरक्षा इंतजामों को लेकर सख्ती कब होगी? क्योंकि हादसा होने के बाद मुआवजा देना समाधान नहीं है, बल्कि दुर्घटना रोकने की ठोस कार्ययोजना ही वास्तविक राहत है।