दीपका/कोरबा।दीपका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्थाओं ने एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बुधवार को दोपहर एक महिला मरीज को ऑपरेशन के बाद उल्टी की शिकायत पर परिजन अस्पताल लेकर पहुँचे। लेकिन आश्चर्य की बात यह रही कि मौके पर कोई चिकित्सक मौजूद ही नहीं था।

मरीज का उपचार फोन पर निर्देश लेकर स्टाफ ने किया। इस दौरान मरीज के परिजनों और अस्पताल स्टाफ के बीच जमकर बहस भी हुई। घटना से नाराज परिजनों का कहना है कि यदि समय पर चिकित्सक मौजूद रहते तो मरीज को और सुरक्षित ढंग से देखभाल मिल सकती थी।

गौरतलब है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 24 घंटे चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपा गया है। लेकिन दीपका स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की अनुपस्थिति ने इस व्यवस्था की हकीकत उजागर कर दी है।

स्थानीय लोगों और परिजनों का कहना है कि यह पहली घटना नहीं है। आए दिन चिकित्सकों की अनुपस्थिति और स्टाफ के दुर्व्यवहार की शिकायतें मिलती रही हैं।

इस मामले ने स्वास्थ्य विभाग में चल रही अनियमितताओं और लापरवाहियों की पोल खोल दी है।ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य विभाग से इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच और जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर जनता को 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा का भरोसा दिलाने वाला सिस्टम कब दुरुस्त होगा?

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