हरदीबाजार/कोरबा।एसईसीएल दीपका प्रबंधन द्वारा हरदीबाजार की जमीन पर कब्ज़े की कवायद सोमवार को भी नाकाम साबित हुई। पुलिस बल की मौजूदगी में सर्वे करने पहुँची टीम को ग्रामीणों के कड़े विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि उनकी सात सूत्रीय मांगों पर अमल किए बिना खदान विस्तार की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं मालगांव की तर्ज पर प्रबंधन जमीन हथियाने पर उतारू है।

ग्रामीणों के विरोध में कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर, भाजपा जिला मंत्री अजय दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता नरेश टंडन, विजय जायसवाल, सरपंच लोकेश्वर कंवर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

नेताओं ने आरोप लगाया कि दीपका प्रबंधन द्वारा लगातार टालमटोल और दबाव की नीति अपनाई जा रही है। वहीं, पाली एसडीएम की मौजूदगी में लिए गए निर्णयों को भी अब तक लागू नहीं किया गया है।

नेताओं और ग्रामीणों का कहना है कि खदान प्रभावित परिवारों की हालत पहले से ही दयनीय है। इस पृष्ठभूमि में यदि शर्तों को लागू किए बिना भूमि अधिग्रहण की कोशिश की गई, तो इसे “दादागिरी” समझा जाएगा और किसी भी ज्यादती का कड़ा प्रतिरोध किया जाएगा।

गौरतलब है कि हरदीबाजार के ग्रामीणों को इस आंदोलन में व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। यही वजह है कि अब दीपका प्रबंधन किसी भी कीमत पर भूमि पर काबिज होने की जुगत में है। मगर ज़मीनी हकीकत यही बताती है कि जब तक सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक प्रबंधन के लिए जमीन अधिग्रहण आसान नहीं होगा।

इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक स्थानीय विधायक प्रेमचंद पटेल का कोई बयान सामने नहीं आया है, जिससे क्षेत्र की राजनीति में भी कई तरह की चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं।

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