दीपका। कोयला खदान विस्तार के नाम पर SECL दीपका प्रबंधन लगातार भूविस्थापितों को हलकान कर रहा है। पहले तो प्रबंधन ने ग्रामीणों की आवाज़ दबाने की कोशिश की,और जब बात नहीं बनी तो अब प्रशासन की शरण में पहुँच गया।
शुक्रवार को पाली एसडीएम सीमा पाटले की मौजूदगी में हरदीबाजार तहसील कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। इसमें बड़ी संख्या में प्रभावित परिवारों ने हिस्सा लिया और अपना दर्द खुलकर रखा।
ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी – “पूरा मुआवजा मिलने के बाद ही हम अपना मकान तोड़ने की अनुमति देंगे, 50% पर नहीं।
”एसडीएम ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वे उपलब्ध कराई गई जानकारी का अध्ययन कर उचित निर्णय लेंगी। उन्होंने समझाने की कोशिश की कि सर्वे सिर्फ आँकड़े जुटाने की प्रक्रिया है, इसे मकान तोड़ने से न जोड़ा जाए।
लेकिन हकीकत यह है कि प्रभावित परिवारों का भरोसा अब प्रबंधन पर से उठ चुका है। ग्रामीणों का आरोप है कि SECL बार-बार झूठे आश्वासन देकर उनका शोषण कर रहा है।
इस बैठक में तहसीलदार विष्णु पैकरा, जीएम पार्थ मुखर्जी, मितेश मधुप, रोशन मेश्राम सहित बड़ी संख्या में भूविस्थापित परिवार मौजूद रहे।
ग्रामीणों का कहना है कि “SECL को अगर खदान विस्तार चाहिए, तो पहले हमारा हक़ पूरा देना होगा। आधे-अधूरे वादों पर अब कोई मकान नहीं टूटेगा।”अब देखना यह है कि क्या प्रशासन भूविस्थापितों की पीड़ा को समझकर उनके पक्ष में खड़ा होगा या फिर SECL प्रबंधन के दबाव में झुक जाएगा।