कोरबा। जिले के ग्राम तिवरता में चल रही भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। बुधवार को कथा वाचन करते हुए भागवताचार्य दीपक कृष्ण शास्त्री महाराज ने भावपूर्ण ढंग से अजामिल चरित्र का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि भगवान नारायण का चिंतन करने मात्र से जीव को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। शास्त्री जी ने बताया कि अजामिल एक ब्राह्मण होकर भी कुसंगति में पड़ गया था और नास्तिक बन गया था। लेकिन संतों के मार्गदर्शन से उसने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा। जीवन के अंतिम क्षणों में जब यमदूत उसे लेने आए, तब अजामिल ने अपने पुत्र को पुकारा – “नारायण बेटा बचा लो”। उसी क्षण भगवान नारायण का स्मरण हुआ और उनके नाम का उच्चारण करते ही अजामिल के सारे पाप नष्ट हो गए। अंततः उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति हुई।

कथा स्थल पर संगीतमय भजनों की प्रस्तुति ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। हरि नाम संकीर्तन गूंजते ही श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग ताली बजाकर भक्ति में लीन हो गए।

आयोजन समिति से राजकुमार दुल्यानी बबलू ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण और अन्य व्यवस्थाएं सुचारु रूप से की गई हैं। यह कथा 13 सितंबर तक प्रतिदिन संध्या समय तक चलेगी। समापन अवसर पर हवन-पूजन और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

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