कोरबा। दिनांक 9 सितंबर 2025 को शाम 4 बजे विजय नगर सामुदायिक भवन के पास कोयला धानी भूविस्थापित किसान संघ की एक विशेष बैठक आयोजित की गई।

बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष गजेंद्र पाल सिंह तंवर ने की, जिसमें क्षेत्रभर से सैकड़ों भूविस्थापित मजदूर और किसान शामिल हुए।बैठक में बताया गया कि गेवरा खदान के लिए जूनाडीह और ख़ुसरु डीह क्षेत्र के किसानों ने अपनी जमीनें दी थीं। कुछ लोगों को रोजगार मिला, लेकिन अधिकांश भूविस्थापित परिवार आज भी बेरोजगारी और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।

बैठक में यह आरोप लगाया गया कि अब तक आउटसोर्सिंग कंपनियों और दलालों द्वारा मजदूरों का लगातार शोषण किया जाता रहा है। मजदूरों को एचपीसी दर से भुगतान नहीं हुआ और नियम-कायदों की अनदेखी की गई।संगठन ने निर्णय लिया कि गेवरा क्षेत्र में कार्यरत नई कंपनी पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड में स्थानीय भूविस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नियोजन दिलाया जाएगा।

इसके लिए 11 सितंबर 2025 को सुबह 11:30 बजे संगठन के नेतृत्व में सैकड़ों भूविस्थापित महाप्रबंधक, गेवरा क्षेत्र को ज्ञापन सौंपेंगे।अध्यक्ष गजेंद्र पाल सिंह तंवर ने चेतावनी दी कि यदि गेवरा प्रबंधन भूविस्थापितों को वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने में आनाकानी करता है, तो भविष्य में बड़े आंदोलन की राह अपनाई जाएगी। साथ ही संगठन ने यह भी मांग की कि वास्तविक भूविस्थापितों को उनकी अर्जित जमीन के आधार पर भूविस्थापित प्रमाणपत्र तत्काल उपलब्ध कराया जाए।

बैठक में विभिन्न गांवों से आए भूविस्थापित किसान और मजदूर बड़ी संख्या में मौजूद थे। इनमें प्रमुख रूप से विजयन चौहान, प्रकाश नारायण, राजेश कुमार, राकेश कुमार, कार्तिक कुमार, शिव सिंह, दीपक कंवर, दिलीप कंवर, मनोज निर्मलकर, मायाराम निर्मलकर, अर्जुन साय, किरण कुमार सहित विजयनगर, बेल्टीकरी, बिंझरी, नराई बोध क्षेत्र के लोग शामिल हुए।

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