बिलासपुर/कोरबा।एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में आज दिनांक 09/09/2025 को आयोजित आईआर बैठक उस समय गरमा गई जब कर्मचारियों के मुद्दों पर प्रबंधन की टालमटोल और गोलमोल जवाबदारी सामने आई।

नाराज़ होकर कोयला मजदूर सभा (एचएमएस) ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ हड़ताल नोटिस देने का ऐलान कर दिया।

सालों-साल पेंडिंग मुद्दे, लेकिन कार्रवाई शून्य!

बैठक में संगठन ने आरोप लगाया कि सालों से पेंडिंग पड़े मुद्दों पर प्रबंधन ने केवल सहमति दी लेकिन आज तक लागू नहीं किया।प्रमोशन और सिलेक्शन प्रक्रिया का मामला ,सुरक्षा से जुड़े बुनियादी मुद्दे,माइनिंग सरदार–ओवरमैन का चार्जिंग अलाउंस,एसईसीएल हॉस्पिटल्स में नर्सों की भारी कमी,ओवरटाइम का पूरा भुगतान।

संगठन का कहना है कि इन सभी पर प्रबंधन बार-बार नेगेटिव और गोलमोल जवाब दे रहा है।

“फिर ऐसी मीटिंग का क्या मतलब?”बैठक के दौरान जब संगठन के अध्यक्ष रेशम लाल यादव और महामंत्री नाथूलाल पांडे ने सवाल उठाए तो महाप्रबंधक (औद्योगिक संबंध) की ओर से जवाब मिला –“ठीक है, बैठक मत करिए।”इस जवाब ने आग में घी का काम किया और संगठन ने तत्काल बैठक का बहिष्कार कर दिया।

HMS संगठन ने घोषणा की कि यदि प्रबंधन कर्मचारियों के मुद्दों पर ठोस कार्रवाई नहीं करता तो आने वाले दिनों में:घेराव प्रदर्शन,क्रमिक भूख हड़ताल, जैसी कड़ी लड़ाई लड़ी जाएगी।

बैठक में हिंद खदान मजदूर फेडरेशन और कोयला मजदूर सभा (एचएमएस) के अध्यक्ष रेशम लाल यादव, महामंत्री नाथूलाल पांडे, कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड सदस्य अख्तर जावेद, एसईसीएल सेफ्टी बोर्ड सदस्य आनंद मिश्रा, वेलफेयर बोर्ड सदस्य बजरंगी शाही सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए अध्यक्ष और महामंत्री मौजूद थे।

अब सवाल यह है कि एसईसीएल प्रबंधन आखिर कब तक कर्मचारियों के जायज मुद्दों से आंखें मूंदे रहेगा? क्या यह बहिष्कार आने वाले समय में एसईसीएल की बड़ी हड़ताल का रूप लेगा?

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