गेवरा, कोरबा।अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के आह्वान पर 24 जुलाई से 17 सितंबर तक देशव्यापी जन जागरण व चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत हो गई है। इस आंदोलन का उद्देश्य कोयला खदानों के नियमित कर्मचारियों और ठेका मजदूरों की लंबित मांगों को लेकर व्यापक स्तर पर दबाव बनाना है।

इस क्रम में गेवरा रिक्रिएशन क्लब में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें कोयला प्रभारी श्री लक्ष्मा रेड्डी, महासंघ के महामंत्री श्री सुजीत सिंह, कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड के सदस्य श्री टिकेश्वर सिंह राठौड़, कंपनी वेलफेयर बोर्ड के सदस्य श्री महेन्द्र पाल, एवं आईआर प्रभारी श्री अशोक सूर्यवंशी सहित बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा और कुसमुंडा क्षेत्रों के यूनियन अध्यक्ष, महामंत्री एवं प्रमुख कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।

आंदोलन की प्रमुख मांगें:कोल इंडिया, सिंगरेनी व नैवेली जैसी सरकारी कंपनियों को निजीकरण से बचाने की पहल।कंपनी के स्थायी कर्मियों द्वारा न्यूनतम 50% उत्पादन सुनिश्चित करने की बाध्यता।ठेका/आउटसोर्सिंग कर्मियों को HPC वेतनमान, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, किराया मुक्त आवास, तथा CMPF में खाता सुनिश्चित करना।सभी कंपनियों में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना।CMPF प्रणाली को पूरी तरह ऑनलाइन बनाकर पेंशनर्स की समस्याओं का समाधान।दुर्घटनाओं पर नियंत्रण हेतु सुरक्षा के सख्त उपाय।खदानों में बढ़ते प्रदूषण पर रोक।यूनियन सदस्यता सत्यापन की प्रक्रिया में समानता।प्रबंधन में व्याप्त पक्षपातपूर्ण रवैये को खत्म करने और प्रशासन में सुधार की मांग।

कार्यशाला में वक्ताओं ने सरकार और प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मजदूरों की मांगों की अनदेखी की गई तो आंदोलन और अधिक तीव्र रूप लेगा। उन्होंने सभी कामगारों से एकजुट होकर इस संघर्ष को निर्णायक बनाने की अपील की।कार्यक्रम को सफल बनाने में विभिन्न क्षेत्रों के कोयला कामगारों एवं ठेका मजदूरों की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय रही।हर मजदूर के हक की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है।

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