शाजी थामस
बिलासपुर/पाली (कोरबा):पाली के ऐतिहासिक महिषासुरमर्दिनी धाम चैतुरगढ़ में दिनांक 23 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के विभिन्न कोनों से आए करीब 300 सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य और बांगो बांध के स्वप्नदृष्टा स्वर्गीय बिसाहूदास महंत की पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति को समर्पित था।
इस अवसर पर बिसाहूदास महंत को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा उनकी पुण्य स्मृति में मंदिर परिसर में बेल, वट, पीपल और नीम जैसे पुण्यवृक्षों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।
कार्यक्रम में मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों अध्यक्ष भरतदास मानिकपुरी, उपाध्यक्ष कृष्णादास एवं वेदमती महंत, महासचिव नान्हीदास दीवान, सचिव गोरेदास मानिकपुरी, सहसचिव पुरुषोत्तमदास एवं मनीषादास, और कोषाध्यक्ष गोपाल पड़वार का आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।
इस दौरान पनिका महासमिति, नई दिल्ली के महासचिव डॉ. फूलदास महंत ने ऐतिहासिक शिलाओं के समीप मेनका गेट के पास कबीर गुरुद्वारा निर्माण का प्रस्ताव रखा और अपनी ओर से ₹50,000 की सहयोग राशि देने की घोषणा की।
पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. देवधर महंत ने समाज की पूर्ववत आदिवासी मान्यता की बहाली हेतु संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने समाज के सामूहिक विवाह आयोजन, बेरोजगारी उन्मूलन हेतु कार्य योजनाओं और राजनीतिक-सामाजिक हिस्सेदारी में जागरूकता जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे।
सभा में शामिल अन्य प्रतिनिधियों ने भी समाज के उत्थान के लिए रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का सफल संचालन घनश्याम दास ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन सुचित्रा मानिकपुरी ने किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में गोरेदास मानिकपुरी (पाली), संतोषदास (बघधरा), घनश्याम दास (पुलालीकला) और लाफा सोसायटी अध्यक्ष पीला दास की विशेष भूमिका रही।
इस आयोजन में आमिन माताओं की उल्लेखनीय सहभागिता समाज की सामूहिक शक्ति का प्रतीक बनी।यह आयोजन सामाजिक एकता, स्मृति सम्मान और विकास की दिशा में पनिका समाज के संकल्प को मजबूत करता है।