शाजी थामस

कोरबा।कुसमुंडा क्षेत्र में रह रहे भू-विस्थापित परिवारों का गुस्सा आखिरकार बुधवार को फूट पड़ा। बिना मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार के घर उजाड़े जाने से नाराज़ सैकड़ों ग्रामीणों ने SECL (दक्षिण पूर्व कोलफील्ड्स लिमिटेड) के खिलाफ सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। घंटाघर चौक से रैली की शक्ल में निकले प्रदर्शनकारियों ने SECL के मुख्य महाप्रबंधक का पुतला दहन किया और बाद में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जोरदार नारेबाजी करते हुए घेराव किया।प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि SECL प्रबंधन द्वारा उन्हें न तो उचित मुआवजा दिया गया, न ही पुनर्वास की व्यवस्था की गई और रोजगार के नाम पर अब तक कोई पहल नहीं की गई। इसके उलट, उनके घरों पर बिना पूर्व सूचना और सहमति के बुलडोजर चलवा दिया गया, जिससे सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं।

विरोध प्रदर्शन में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश संगठन मंत्री उमागोपाल ने सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्होंने कहा,“यह सिर्फ आंदोलन नहीं, यह इंसाफ की लड़ाई है। गरीबों की जमीन और घर छीनकर SECL विकास का ढोंग कर रही है। अगर जल्द हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन और तेज होगा।

प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा और भूमि का पट्टा दिया जाए,हर परिवार से एक सदस्य को रोजगार उपलब्ध कराया जाए, जिनके मकान तोड़े गए, उन्हें तत्काल पुनर्वास उपलब्ध कराया जाए इस अन्याय के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

इस आंदोलन में महिलाएं, बुजुर्ग और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने हाथों में तख्तियां लेकर प्रशासन और कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।

आंदोलनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने अब तक उनकी बात सुनने की कोशिश तक नहीं की, जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे राजधानी रायपुर तक आंदोलन ले जाएंगे।यह प्रदर्शन अब एक स्थानीय मुद्दे की बजाय व्यापक जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है, जिससे आने वाले दिनों में सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ना तय है।

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