
शाजी थॉमस
कोरबा— छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सुशासन के दावों को करारा झटका लगा है। ट्रांसफर कराने के नाम पर 2 लाख रुपए की मोटी रकम की रिश्वत लेते हुए शिक्षक एसीबी (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) के जाल में रंगे हाथों पकड़ा गया।
एसीबी बिलासपुर इकाई ने गुरुवार को कार्रवाई कर आरोपी शिक्षक विनोद कुमार सांडे को उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वह प्रार्थी रामायण पटेल से 2 लाख रुपए की रिश्वत ले रहा था। आरोपी ने खुद को डीईओ और बीईओ से जुड़ा बताते हुए प्रार्थी की पत्नी का ट्रांसफर दूर के स्कूल में होने से बचाकर नजदीकी ओमपुर स्कूल में कराने का झांसा दिया था।
रामायण पटेल, जो केसला प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक हैं, ने एसीबी को शिकायत कर बताया था कि आरोपी उनसे पत्नी का तबादला रुकवाने और मनचाही जगह पोस्टिंग दिलाने के एवज में 2 लाख रुपए मांग रहा है। शिकायत की जांच में मामला सही पाया गया, जिसके बाद गुरुवार को कोरबा स्थित उनके घर पर ट्रैप की योजना बनाई गई।जैसे ही आरोपी विनोद कुमार सांडे ने पैसे लिए, एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया।
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई है।सूत्रों के मुताबिक, एसीबी की निगाह अब कोरबा जिले के अन्य शिक्षकों पर भी टिकी हुई है।
डीएमएफ फंड से अतिथि शिक्षकों की भर्ती में भी घूसखोरी की शिकायतों की गूंज तेज़ हो गई है।एसीबी ने साफ संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह मुहिम बिना रुके जारी रहेगी।
इस कार्रवाई ने शिक्षा विभाग में चल रहे ‘ट्रांसफर बाजार’ की सच्चाई उजागर कर दी है और सरकारी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।