अरुण सिंह के नेतृत्व में बीएमएस में शामिल हुए।
गेवरा/दीपका, 18 जून 2025एसईसीएल की गेवरा परियोजना में ट्रेड यूनियन क्षेत्र में बड़ा उलटफेर सामने आया है। एटक (AITUC) से असंतुष्ट होकर लगभग 80 से 85 श्रमिकों ने भारतीय मजदूर संघ (BMS) के अंगवस्त्र को अपनाया है।
यह कार्यक्रम बीएमएस के प्रधान कार्यालय बिलासपुर के तत्वावधान में संपन्न हुआ।इस अवसर पर बीएमएस के वरिष्ठ पदाधिकारी और क्षेत्रीय नेतृत्व मौजूद रहा। बीएमएस बिलासपुर के महामंत्री श्री रमेश गुरुद्वान ने सभी नवगठित सदस्यों को अंगवस्त्र पहनाकर संगठन में आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने संगठन की मूल विचारधारा, नीतियों और श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी विस्तार से समझाया।
कार्यक्रम में महामंत्री श्री सुजीत सिंह, स्टेराइजेशन कमेटी के सदस्य श्री मजरुल हक अंसारी, कोल इंडिया कल्याण मंडल सदस्य श्री टिकेश्वर सिंह राठौर, राष्ट्रीय पर्यावरण प्रभारी श्री लक्ष्मण चंद्रा, बीकेकेएमएस अध्यक्ष श्री राम नारायण साहू, एसईसीएल आईआर प्रभारी श्री अशोक सूर्यवंशी और ठेका मजदूर प्रभारी श्री अश्वनी मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित रहे।वरिष्ठ श्रमिक नेता श्री अरुण सिंह के नेतृत्व में शामिल हुए श्रमिकों ने एटक की कार्यप्रणाली से नाराज़ होकर बीएमएस की विचारधारा को अपनाया।
अरुण सिंह ने कहा, “बीएमएस संगठन वर्षों से श्रमिकों के अधिकार और सम्मान की लड़ाई लड़ता आ रहा है। यही कारण है कि आज दर्जनों श्रमिकों ने एटक छोड़कर बीएमएस का दामन थामा है।”बीएमएस में शामिल होने वाले प्रमुख श्रमिकों में अरुण सिंह, अजय सिंह, कुंवरलाल सिंह, घनश्याम सिंह, राजेश सिंह, रूपवीर सिंह, बाबूराम तिवारी, मिथलेश राम, कुशल सिंह, उमाशंकर नागपाल, बी. डी. बुढ़ा, विनोद सिंह, विजय वर्मा, श्यामलाल, हेमराज लाल चौधरी, रमेश कुमार, गिरजाशंकर, बालक दास, रामेश्वर सिंह, संदीप सिंह, रामकुमार पटेल, रामेश्वर निवास, छब्बीर सिंह सहित अन्य कई श्रमिक शामिल हैं।
इस घटनाक्रम के बाद गेवरा क्षेत्र में ट्रेड यूनियन समीकरणों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है और आने वाले समय में इसका व्यापक असर देखा जा सकता है।