बिलासपुर, 01 मई 2025 — एसईसीएल मुख्यालय स्थित ऑडिटोरियम में खनिक दिवस का आयोजन बड़ी गरिमा और उत्साह के साथ किया गया। कार्यक्रम में अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री हरीश दुहन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उनके साथ निदेशक तकनीकी (संचालन सह योजना-परियोजना) श्री एन. फ्रेंकलिन जयकुमार, निदेशक (एचआर) श्री बिरंची दास, निदेशक (वित्त) श्री डी. सुनील कुमार, मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री हिमांशु जैन सहित कई विशिष्ट अतिथि, श्रमिक संघों के प्रतिनिधि एवं महिला मंडलों की सदस्याएं उपस्थित रहीं।कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण और दीप प्रज्वलन से हुई, इसके पश्चात शहीद श्रमिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और संकल्प का पठन सीएमडी श्री दुहन द्वारा किया गया। अपने स्वागत उद्बोधन में महाप्रबंधक (वित्त) श्री सीडीएन सिंह ने सभी का अभिनंदन किया।मुख्य अतिथि श्री दुहन ने अपने संबोधन में कहा कि एसईसीएल की सफलता उसके श्रमबल की मेहनत का परिणाम है और हम सब मिलकर चुनौतियों का समाधान करेंगे।श्रमवीरों को मिला सम्मान, विभिन्न पुरस्कार वितरितकार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एरिया, परियोजनाओं व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। रायगढ़, गेवरा, दीपका, भटगांव, जोहिला, बैकुंठपुर आदि क्षेत्रों ने क्षेत्रीय और परियोजना श्रेणियों में प्रमुख स्थान प्राप्त किया। विभिन्न ऑपरेटरों, ड्रिलर्स, अंडरग्राउंड वर्कर्स को भी व्यक्तिगत श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया।इसके अतिरिक्त सीएसआर, इंडस्ट्रियल रिलेशन्स, क्वालिटी ऑफ लाइफ, इन्वायरमेंट मैनेजमेंट, प्रोजेक्ट डेवलपमेंट, सेफ्टी, एचआरडी, पब्लिक रिलेशन्स, राजभाषा व महिला मंडल समन्वय पुरस्कार भी प्रदान किए गए। विशेष योगदान के लिए गेवरा क्षेत्र व सीडब्ल्यूएस कोरबा को नवाचार पुरस्कार दिए गए।एसईसीएल के प्रथम पुरुष बने श्री हरीश दुहननिदेशक मंडल द्वारा श्री हरीश दुहन को “एसईसीएल के प्रथम पुरुष” सम्मान से नवाजा गया। उन्हें शाल, श्रीफल एवं पुष्प देकर सम्मानित किया गया।पूर्व निदेशक (एचआर) श्री आर. एस. सिंह ने अपने उद्बोधन में एसईसीएल को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। संचालन समिति के सभी प्रतिनिधियों ने श्रमिक कल्याण की दिशा में प्रबंधन की पहल की सराहना की।कार्यक्रम का समापन महाप्रबंधक (एचआर-श्रमशक्ति) श्री एस. परीडा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उद्घोषणा का दायित्व श्री वरुण शर्मा एवं श्रीमती सी. अनुराधा ने निभाया।