कोयले की कमी से जूझ रहा दीपका क्षेत्र, खदान बंद होने की कगार पर

कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की दीपका परियोजना इन दिनों कोयले की भारी कमी से जूझ रही है। उत्पादन ठप होने की कगार पर है और अगर जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया, तो खदानों का संचालन बंद होने की नौबत आ सकती है।

सूत्रों के अनुसार, कोयला निकासी के लिए अब प्रबंधन के पास पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं है। भूमि अधिग्रहण, मुआवजा वितरण और भोग-स्थापना की प्रक्रिया में हो रही देरी और लापरवाही इसका मुख्य कारण मानी जा रही है। पहले जिन मुद्दों को हल नहीं किया गया, अब वे गंभीर संकट का रूप ले चुके हैं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पाली कटघोरा एसडीएम, हरदी बाजार और दीपका तहसीलदार ने कॉलेज भवन के खाली कमरों को तोड़ने की कार्रवाई की। इसके अलावा अर्जित जमीन पर बनी ईंट भट्ठी को 24 घंटे के भीतर हटाने का प्रशासनिक आदेश भी जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर और बोधराम कंवर के हस्तक्षेप के बाद भट्ठा मालिक ने जमीन खाली करने पर सहमति जताई।

इन सभी घटनाओं के बीच प्रबंधन और प्रशासन के बीच भोग-स्थापना को लेकर तनाव की स्थिति बनी रही। SECL दीपका के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है – भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करना।

गौरतलब है कि हरदी बाजार क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया फिलहाल जारी है, लेकिन यदि इस पर शीघ्र कार्य नहीं किया गया, तो निकट भविष्य में दीपका खदान कोयले के गंभीर संकट से गुजर सकती है।

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