शाजी थामस
कोरबा/दीपका:एसईसीएल दीपका क्षेत्र की खदानों में ठेका पद्धति पर चल रहे चार पहिया वाहनों से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें चालकों को नियमानुसार वेतन न दिए जाने और सीएमपीएफ में घोटाले के आरोप लग रहे हैं।सूत्रों की मानें तो खदान में अधिकारियों की सुविधा के लिए चलाए जा रहे चार पहिया वाहनों के चालकों को तय वेतन 25,000 रुपये प्रति माह के मानक के बावजूद पूरा भुगतान नहीं किया जा रहा है। बल्कि चालकों के नाम पर भुगतान की राशि किसी दूसरे व्यक्ति के बैंक खाते में डालकर विभाग को दस्तावेज दिए जा रहे हैं।
इतना ही नहीं, जिन वाहनों को 24 घंटे संचालन की अनुमति है, उन पर नियम के अनुसार कम से कम दो से तीन चालकों की नियुक्ति अनिवार्य है, परंतु ठेकेदार केवल एक या दो चालकों से लगातार ड्यूटी करवा रहे हैं, जिससे श्रमिकों का शोषण हो रहा है।आधिकारिक सूत्रों ने यह भी बताया कि इन वाहनों के संचालन को लेकर विभाग में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
कई बार तो कागजों में 24 घंटे वाहन संचालन दर्शाया जाता है, पर वास्तव में वाहन उतनी अवधि में उपयोग नहीं हो रहे होते।इस पूरे मामले में ठेकेदारों और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने की आशंका जताई जा रही है।
यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी इसी तरह के मामलों का खुलासा हो चुका है।इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर खदान क्षेत्रों में चल रहे ठेका प्रथा और श्रमिक शोषण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब देखना यह है कि विभाग इस गंभीर अनियमितता पर क्या संज्ञान लेता है और क्या दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।