कोरबा। महाकुंभ स्नान के लिए निकले श्रद्धालुओं की खुशियां रास्ते में ही मातम में बदल गईं। मिर्जापुर-प्रयागराज हाईवे पर हुए भीषण सड़क हादसे में कोरबा जिले के कलमीडुग्गू दर्री बस्ती के छह लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। जब एंबुलेंस से उनके पार्थिव शरीर गांव पहुंचे, तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। हर ओर चीख-पुकार, सिसकियां और रोते-बिलखते परिजनों के करुण क्रंदन की गूंज सुनाई दे रही थी।
सफेद कफन में लौटे श्रद्धालु
हादसा दो दिन पहले मैजा थाना क्षेत्र में हुआ, जब श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो एक तेज रफ्तार बस से टकरा गई। इस हादसे में ईश्वरी प्रसाद जायसवाल, संतोष सोनी, भागीरथी जायसवाल, सोमनाथ, अजय बंजारे और सौरभकुमार सोनी की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अलावा, चार अन्य मृतकों के शव उनके गृह जिले लोरमी और जांजगीर-चांपा भेजे गए।
आज सुबह जब कलमीडुग्गू बस्ती में शव पहुंचे, तो मातम का साया हर घर में छा गया। जो लोग खुशी-खुशी महाकुंभ के पवित्र स्नान के लिए निकले थे, वे अब सफेद कफन में लिपटे लौटे। यह हादसा बस्ती के लिए अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी बन गया।
मुक्तिधाम में एक साथ जलीं छह चिताएं
बस्ती के मुक्तिधाम में पहली बार ऐसा मंजर देखने को मिला, जब एक साथ छह चिताएं जलीं। हर ओर सन्नाटा था, आंखों से आंसुओं का सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा था। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों में गहरा दुख था। कुछ अपने रिश्तेदारों को खोने के गम में थे, तो कुछ इस भयानक हादसे से स्तब्ध थे।
खुशी पर भारी पड़ा गम
हादसे की खबर मिलते ही बस्ती में मातम पसर गया। हाल ही में हुए नगर निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राधा महंत की जीत की खुशी भी इस शोक के आगे फीकी पड़ गई। पूरा गांव गहरे सदमे में था, किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला। लोग एक-दूसरे का दर्द बांटने में लगे थे, लेकिन इस त्रासदी की टीस हर किसी के दिल में बस गई।
आज पूरेक्षेत्र के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रमेशचंद्र पांडेय ने इस हादसे को हृदयविदारक बताया। उन्होंने कहा, “इस दुर्घटना ने सिर्फ छह जिंदगियां ही नहीं छीनीं, बल्कि पूरे गांव का दिल भी तोड़ दिया। इस घटना की पीड़ा लंबे समय तक महसूस की जाएगी।
यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही और तेज रफ्तार कितनी जानलेवा साबित हो सकती है। महाकुंभ के पुण्य स्नान की ओर बढ़ रहे श्रद्धालु, यह कभी नहीं सोच सकते थे कि उनकी यात्रा बीच रास्ते में ही समाप्त हो जाएगी।