शाजी थामस
दीपका। दीपका नगर पालिका चुनाव का प्रचार थम चुका है, और अब प्रत्याशियों की किस्मत कल मतपेटियों में बंद होगी।मतदाता अब चुनाव परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
इस बार का चुनाव कई अहम मुद्दों के इर्द-गिर्द लड़ा गया, जिनमें प्रमुख रूप से कोयले की धूल से होने वाला प्रदूषण और ज्वलंत मुद्दा गौरव पथ का विकास शामिल है। जिसमें वर्तमान में भारी वाहनों का आवागमन है।
कांग्रेस और भाजपा में टक्कर, कौन बनेगा नगर सरकार का भाग्यविधाता?
इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विशाल शुक्ला ने जहां अपने 10 सूत्रीय संकल्प पत्र के माध्यम से युवाओं को रोजगार, महिला सशक्तिकरण, व्यापारिक विकास, यातायात सुधार, बस स्टैंड का नियमित संचालन गौरव पथ पर भारी वाहनों पर रोक और पारदर्शी प्रशासन का वादा किया।वहीं भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र राजपूत ने अपने घोषणा पत्र में दीपका को आधुनिक और सुव्यवस्थित नगर बनाने की प्रतिबद्धता जताई।
भाजपा के विकास के वादे के साथ जारी किया घोषणा पत्र।
भाजपा के घोषणा पत्र में स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विस्तार, रात्रि कालीन स्वच्छता, जल आपूर्ति और प्रदूषण नियंत्रण , बायपास मार्ग ओवर ब्रिज निर्माण जैसे मुद्दों पर विशेष जोर दिया गया है। खासकर, प्रदूषण मुक्त दीपका और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर जरूरतमंद को घर देने का वादा।
कांग्रेस का पारदर्शी प्रशासन और रोजगार और गौरव पथ पर जोर
कांग्रेस ने अपने वादों में युवाओं को रोजगार देने और महिलाओं के सशक्तिकरण को मुख्य प्राथमिकता बताया है। पार्टी का दावा है कि अगर उन्हें समर्थन मिला तो वे प्रशासन को अधिक पारदर्शी बनाएंगे और विकास योजनाओं को जल्द से जल्द लागू करेंगे।
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चुनावी माहौल में जनता की बड़ी भूमिका
चुनाव प्रचार के दौरान जनता ने अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रखा। सबसे बड़ी समस्या रोजगार,कोयले की धूल से होने वाला प्रदूषण रहा जिसे लेकर सभी प्रत्याशियों ने समाधान निकालने का आश्वासन दिया। वहीं, शहर के आधारभूत ढांचे में सुधार और गौरव पथ के विकास को लेकर भी मतदाताओं की उम्मीदें बढ़ी हैं।
क्या भाजपा मारेगी बाज़ी, या कांग्रेस दिखाएगी दम?
अब जब मतदान का दिन नजदीक है, दीपका की जनता सोच-समझकर फैसला लेने की तैयारी में है। क्या भाजपा का घोषणा पत्र मतदाताओं को लुभा पाएगा, या फिर कांग्रेस का संकल्प पत्र जीत की राह बनाएगा? यह सवाल अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
अब सबकी नजरें चुनाव परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि दीपका की बागडोर किसके हाथ में जाएगी और कौन जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।