शाजी थामस
कोरबा/गेवरा। एसईसीएल गेवरा खदान में कोयले की चोरी का मामला सामने आया है, जहां कोयला परिवहन में लगे दो वाहनों में ओवरलोडिंग पाई गई। सीआईएसएफ की मुस्तैदी से यह चोरी पकड़ी गई, जिसके बाद दोनों गाड़ियों को जब्त कर पुलिस को सौंप दिया गया।
बुधवार तड़के करीब 5 बजे बैरियर नंबर 01 पर वाहन क्रमांक CG 11 BJ 7598 और बैरियर नंबर 02 पर वाहन क्रमांक CG 11 BJ 7600 कोयला लेकर बाहर जाने पहुंचे। सीआईएसएफ बैरियर प्रभारी को इन गाड़ियों पर संदेह हुआ और उन्होंने वाहनों को कांटा घर-11 पर रिवेट कराने के लिए भेजा। जांच में वाहन क्रमांक CG 11 BJ 7598 में 8.160 मीट्रिक टन और वाहन क्रमांक CG 11 BJ 7600 में 7.980 मीट्रिक टन अतिरिक्त कोयला लदा पाया गया, जिसे अवैध रूप से चोरी करने की कोशिश की जा रही थी।
सीआईएसएफ ने पुलिस को सौंपा मामला।
सीआईएसएफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों वाहनों को जब्त कर लोड कोयला सहित दीपका पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 303(2) एवं 111 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कर्मचारियों की मिलीभगत हुआ उजागर।
सूत्रों के अनुसार, इस तरह की कोयला चोरी में कोल स्टॉक से संबंधित विभाग के कर्मचारियों और ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत होती है। गाड़ियों के ग्रॉस वेट होने के बाद उन्हें सीधे बैरियर पर जाना चाहिए, लेकिन मिलीभगत के कारण ट्रेलर दोबारा कोल स्टॉक में जाकर अवैध रूप से अतिरिक्त कोयला लोड कर लेते हैं। इस प्रकार एसईसीएल प्रबंधन एवं प्रशासन को भारी राजस्व हानि हो रही है।
कोयला चोरी के इस प्रकरण में पुलिस अब जांच में जुट गई है। ऐसे मामलों में अक्सर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आती रही है, जिससे बिना मिलीभगत के इस तरह की चोरी कर पाना संभव नहीं होता। फिलहाल, पुलिस संबंधित ट्रांसपोर्टरों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।