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गेवरा/ एसईसीएल के गेवरा स्थित जीएम कार्यालय में शनिवार सुबह बाजार, उमेंदीभाठा, मुड़ियानार, सलोरा,पंडरिपानी, नावापारा, रलिया,केशला, बरभाटा के भू-विस्थापित श्रमिकों का आक्रोश फूट पड़ा। सुबह 9 बजे से श्रमिकों ने कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लगाकर प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को कार्यालय में प्रवेश करने नहीं दिया गया।

आंदोलनकारी श्रमिकों का आरोप है कि खदान प्रभावित क्षेत्र के स्थानीय लोगों को रोजगार देने के बजाय बाहरी लोगों को नौकरी दी जा रही है। श्रमिकों के नेतृत्व कर रहे अजय जायसवाल ने बताया कि 23 दिसंबर को प्रबंधन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी जिसमें स्थानीय लोगों को रोजगार देने की सहमति बनी थी। लेकिन एक माह बीतने के बावजूद वादा पूरा नहीं किया गया।

अजय जायसवाल ने यह भी आरोप लगाया कि प्रबंधन द्वारा पैसे लेकर बाहरी लोगों को नौकरी दी जा रही है। उन्होंने कहा गेवरा क्षेत्र की निजी कंपनियों में करीब 3000 कर्मचारी काम कर रहे हैं, लेकिन इनमें से 5 प्रतिशत भी स्थानीय खदान प्रभावित लोग नहीं हैं। यह सरासर अन्याय है।श्रमिकों ने साफ कहा कि जब तक खदान प्रभावित क्षेत्र के लोगों को रोजगार नहीं दिया जाएगा आंदोलन जारी रहेगा।प्रदर्शन के बावजूद एसईसीएल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है

यह स्थिति प्रबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण बनती जा रही है।क्या प्रबंधन खदान प्रभावित क्षेत्र के भू-विस्थापित श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करेगा, या यह आंदोलन और बड़ा रूप लेगा यह देखना बाकी है।

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