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शाजी थामस
रायपुर। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने ED (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “मैं एक गरीब आदमी हूं। ED ने मेरे घर से एक पैसा भी बरामद नहीं किया है और न ही मेरे खिलाफ कोई सबूत है। इसके बावजूद मुझे गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र है।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2160 करोड़ रुपये के शराब घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। लखमा के साथ उनके बेटे हरीश लखमा को भी गिरफ्तार किया गया है। शराब घोटाले केस में उन्हें पूछताछ के लिए रायपुर के ईडी दफ्तर बुलाया गया था। लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने कवासी लखमा को गिरफ्तार किया है। ईडी ने जिस समय शराब घोटाला उजागर किया था तब लखमा आबकारी मंत्री थे।
लखमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेते हुए कहा कि यह षड्यंत्र आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की एक सोची-समझी योजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को कमजोर करने के लिए भाजपा सरकार सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। लेकिन मैं कांग्रेस पार्टी के लिए जिया हूं और कांग्रेस के लिए ही मरूंगा।
कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। पार्टी ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कार्रवाई जनमत को प्रभावित करने और विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास है।
इस घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस इसे भाजपा द्वारा डराने-धमकाने की रणनीति बता रही है, जबकि भाजपा इसे कानून का हिस्सा कह रही है।
कवासी लखमा ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रकार के दबाव में झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस के लिए संघर्ष करता रहूंगा और जनता के हितों के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा। यह गिरफ्तारी मुझे नहीं, बल्कि सच्चाई और न्याय की लड़ाई को मजबूत करेगी।”इस मामले ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है, और आगामी चुनावों में इसके बड़े प्रभाव की संभावना है।