शाजी थामस
रायपुर। बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या के विरोध में शनिवार को रायपुर प्रेस क्लब के नेतृत्व में पत्रकारों ने प्रेस क्लब के बाहर धरना प्रदर्शन किया और राजभवन तक शांति मार्च निकाला। हालांकि, राजभवन पर पत्रकारों को ज्ञापन सौंपने से रोकने के प्रयास ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।
राजभवन के बाहर रोका गया मार्च।
राजभवन तक पहुंचने वाले पत्रकारों को जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने बीच रास्ते में ही रोक दिया। इतना ही नहीं, राजभवन का बाहरी गेट भी बंद कर दिया गया। पत्रकार राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपने के लिए भीतर जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी।
इस घटना से नाराज रायपुर प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. वैभव सिंह पांडेय ने गेट के बाहर ही ज्ञापन पढ़कर सुनाया। ज्ञापन में राज्यपाल से इस घटना में हस्तक्षेप कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
राजभवन से लौटने के बाद पत्रकार डॉ. भीमराव अंबेडकर चौक पहुंचे, जहां उन्होंने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष दिवंगत साथी मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर उनकी स्मृति को नमन किया।
रायपुर प्रेस क्लब ने स्पष्ट किया है कि पत्रकारों के अधिकार और सुरक्षा के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। पत्रकारों ने राज्य सरकार से प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
रायपुर प्रेस क्लब के महासचिव ने कहा, “यह अत्यंत दुखद है कि पत्रकारों को अपनी बात रखने के लिए भी रोका जा रहा है। यह घटना न केवल प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी है।”इस घटना के बाद पत्रकारों में भारी आक्रोश है, और उन्होंने स्पष्ट किया है कि न्याय के लिए यह आंदोलन जारी रहेगा।