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शाजी थामस

कोरबा/उरगा से गेवरा रोड और पेंड्रा रोड तक निर्माणाधीन रेल कॉरिडोर परियोजना में स्थानीय श्रमिकों के हितों को अनदेखा करने और बाहर के श्रमिकों को प्राथमिकता देने के आरोप में शिवकीर्ति इंटरनेशनल लिमिटेड जयपुर के खिलाफ स्थानीय श्रमिकों में आक्रोश व्याप्त है।

लगभग 10,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रही इस रेल कॉरिडोर परियोजना का ठेका इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को दिया गया है जिसने परियोजना का कार्य शिवकीर्ति इंटरनेशनल लिमिटेड को सौंपा है।

स्थानीय श्रमिकों का आरोप है कि कंपनी बाहर से श्रमिकों को बुलाकर काम करा रही है जबकि क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में कुशल श्रमिक उपलब्ध हैं।स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने काम मांगा तो कंपनी के अधिकारियों ने अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। उनका कहना था, “तुम छत्तीसगढ़िया लोग किसी काम के नहीं हो, तुम्हारे जैसे निकम्मे लोगों को काम देकर कंपनी बंद करानी है क्या?” इस तरह के व्यवहार से स्थानीय श्रमिकों का मनोबल टूट रहा है, और बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है।

इस मामले को लेकर पार्षद अरुणीश तिवारी ने श्रमिकों की ओर से छत्तीसगढ़ शासन के श्रम, वाणिज्य और उद्योग मंत्री माननीय लखन लाल देवांगन जी से निवेदन किया है कि इस मुद्दे की जांच कर संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही, स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता देकर रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की गई है।पार्षद अरुणीश तिवारी का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस आवेदन प्राप्त होने पर श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने जिलाधीश के माध्यम से उचित कारवाही का भी भरोसा दिलाया है।

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