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शाजी थामस

रायपुर/छत्तीसगढ़ के सात-आठ जिलों में फ्लोरमैक्स कंपनी द्वारा किए गए बड़े घोटाले ने 48 हजार महिलाओं की जिंदगी पर भारी असर डाला है। रोजगार और समृद्धि का सपना दिखाकर कंपनी ने महिलाओं को निजी बैंकों से लोन दिलवाकर उनकी राशि को कंपनी में निवेश करवाया। लेकिन अब कंपनी के फरार होने के बाद महिलाएं कर्ज के बोझ तले दब गई हैं।40 से अधिक महिलाओं ने कलेक्टर, मुख्यमंत्री और महिला आयोग को लिखित शिकायत दी है। इनमें झूल बाई, अनिता यादव, रजनी रानी निर्मलकर, लक्ष्मी संतोषी महंत, प्रमिला महंत समेत कई महिलाओं ने बताया कि कंपनी ने झूठे वादों से उन्हें ठग लिया। अब न केवल उनकी मेहनत की कमाई डूब गई है, बल्कि वे बैंक कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं।

शिकायत में महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द मदद नहीं की और उनका लोन माफ नहीं किया तो वे आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगी। महिलाओं का कहना है कि यह घोटाला केवल फ्लोरमैक्स कंपनी की गलती नहीं है बल्कि निजी बैंकों और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है।

यह मामला महिलाओं के आत्मसम्मान और आजीविका से जुड़ा है जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। सरकार और प्रशासन पर महिलाओं के साथ न्याय करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।इस संकट में सरकार और समाज को मिलकर कदम उठाने होंगे ताकि पीड़ित महिलाओं को राहत मिल सके और भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी से बचा जा सके।

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