शाजी थामस

कोरबा। गेवरा खदान से प्रभावित गांवों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए जिला पंचायत उपाध्यक्ष रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में 24 दिसंबर को गेवरा प्रबंधन के खिलाफ ताला बंदी का ऐलान किया गया था।

इस संबंध में 23 दिसंबर को त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई, जिसमें एसईसीएल प्रबंधन, ठेका कंपनियां और जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों ने भाग लिया।बैठक में ग्रामीणों ने बताया कि खदान क्षेत्र में 3000 से अधिक ड्राइवर और हेल्पर कार्यरत हैं लेकिन प्रभावित गांवों के केवल 5 प्रतिशत लोग ही इनमें शामिल हैं।

अजय जायसवाल ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि भू-विस्थापितों को रोजगार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि बाहरी लोगों को आसानी से रोजगार मिल रहा है।

बैठक में लिए गए मुख्य निर्णय:1. खदान प्रभावित गांवों के युवाओं के रोजगार के लिए SO L&R के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया जाएगा।2. अब कोई भी कंपनी सीधी भर्ती नहीं करेगी। भू-विस्थापित युवाओं के आवेदन कमेटी द्वारा सत्यापित कर कंपनियों में नियोजित किए जाएंगे।3. एक सप्ताह के भीतर 40 ड्राइवर और 15 हेल्पर को रोजगार दिया जाएगा।4. जनवरी से मार्च तक की आगामी भर्तियों में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय भू-विस्थापित युवाओं को दिया जाएगा।

अजय जायसवाल ने कहा कि यदि प्रबंधन ने वादाखिलाफी की तो गेवरा सीजीएम कार्यालय में फिर से ताला बंदी की जाएगी। इस वार्ता और निर्णय से प्रभावित युवाओं में आशा की किरण जागी है।

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