शाजी थामस
कोरबा: एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की गेवरा कोयला खदान में कोयले की खराब गुणवत्ता को लेकर उपभोक्ताओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लिफ्टरों का आरोप है कि 3800 ग्रॉस कैलोरिफिक वैल्यू (जीसीवी) के कोयले की खरीदारी के बावजूद उन्हें केवल 3200 जीसीवी का कोयला दिया जा रहा है। इसके चलते उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
लिफ्टरों का भारी नुकसान।
कोयला उपभोक्ताओं का कहना है कि उन्हें औसतन 300 से 400 रुपये प्रति टन कम वैल्यू का कोयला मिल रहा है। इससे उनके परिचालन लागत में इजाफा हो रहा है, और मुनाफे में कटौती हो रही है। उपभोक्ताओं ने कई बार प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्टॉक से अधिक बिक्री का आरोप।
सूत्रों के मुताबिक, खदान प्रबंधन पर स्टॉक से ज्यादा कोयले की बिक्री का भी आरोप है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि उपभोक्ताओं को गुणवत्ता में कमी झेलनी पड़ रही है।
स्थिति विस्फोटक होने की संभावना।
लिफ्टरों के आक्रोश और लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए खदान क्षेत्र में हालात बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। यदि प्रबंधन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
प्रबंधन की ओर से फिलहाल इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं आया है। कोयला लिफ्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो वे बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।