शाजी थामस
गेवरा-दीपका। गेवरा क्षेत्र में वार्षिक सुरक्षा पखवाड़ा का समापन समारोह भव्यता के साथ मनाया गया। अतिथियों का स्वागत बैंड-बाजे और करमा नृत्य दल की शानदार प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसने पूरे समारोह में उत्साह और उल्लास भर दिया। कार्यक्रम में खदानों की सुरक्षा और उनमें सुधार पर जोर दिया गया। लेकिन समारोह के बीच प्रमुख जेसीसी और वेलफेयर-सुरक्षा सदस्यों की अनुपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को प्रभावित किया और श्रमिक नेताओं ने इसे लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की।
महाप्रबंधक खनन क्षेत्र अशोक कुमार ने स्वागत भाषण में खदानों में होने वाली दुर्घटनाओं और उनकी रोकथाम के उपायों पर चर्चा की। गेवरा एरिया के महाप्रबंधक एस.के. मोहंती ने भी सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया।
परिवार परामर्श केंद्र द्वारा प्रस्तुत एक नाटक ने खदानों में सुरक्षा उपायों को प्रभावी ढंग से दर्शाया। इस नाटक को दर्शकों ने सराहा, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम कितने प्रभावी हो सकते हैं।
जेसीसी और वेलफेयर सदस्यों की अनुपस्थिति पर रोष
समारोह के दौरान क्षेत्रीय जेसीसी और वेलफेयर-सुरक्षा सदस्यों की अनुपस्थिति ने श्रमिक नेताओं और उपस्थित जनों के बीच असंतोष पैदा कर दिया। श्रमिक नेताओं ने प्रबंधन पर तानाशाही और अनदेखी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि प्रबंधन किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय में जेसीसी को शामिल नहीं करता, जिससे उनकी भूमिका सीमित हो गई है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सम्मान समारोह में भी नहीं पहुंचे जेसीसी सदस्य।
30 नवंबर को गेवरा प्रोजेक्ट में आयोजित सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सम्मान समारोह में भी जेसीसी और वेलफेयर-सुरक्षा सदस्य अनुपस्थित रहे। यह अनुपस्थिति श्रमिकों के बीच असंतोष को और बढ़ा गई।
इस संबंध में जब हमने सेफ्टी ऑफिसर राजेश श्रीवास्तव से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
जेसीसी सदस्यों ने संयुक्त रूप से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि प्रबंधन बिना किसी चर्चा के फैसले ले रहा है। यह रवैया न केवल श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि श्रमिक नेताओं की भूमिका को भी कमजोर करता है।