शाजी थामस

नई दिल्ली। शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी पहल के तहत, शिक्षा मंत्रालय ने अपार आईडी (स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री) शुरू की है। यह विशिष्ट पहचान संख्या कक्षा 1 से कक्षा 12 तक के सभी छात्रों को दी जाएगी, जिसका उद्देश्य पूरे देश में छात्रों का एकीकृत शैक्षणिक डेटाबेस बनाना है।

हर छात्र के लिए अनिवार्य है अपार आईडी।

शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अपार आईडी अब सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस आईडी को लागू करने के लिए छात्रों का डेटा एकत्र कर केंद्रीय डेटाबेस में अपलोड करेंगे।

अपार आईडी छात्रों के लिए कई फायदे लेकर आएगी।शैक्षणिक प्रगति की ट्रैकिंग

यह आईडी छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन और प्रगति पर नज़र रखने में मदद करेगी। छात्रों को शैक्षिक संसाधनों और वित्तीय सहायता प्राप्त करने में आसानी होगी।

उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले तेजी से प्रवेश प्रक्रिया।

उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले के दौरान अपार आईडी शैक्षणिक रिकॉर्ड की स्वचालित सत्यापन प्रक्रिया को सरल बनाएगी।सभी शैक्षणिक दस्तावेज एक स्थान पर: परीक्षा परिणाम, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर, और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपार आईडी से जुड़ेंगे।

छात्रों की गतिशीलता होगी आसान।

देश में छात्रों के कई बार संस्थानों और राज्यों में स्थानांतरित होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, अपार आईडी उनकी शैक्षणिक यात्रा को सुगम बनाएगी। इस आईडी के जरिए उनके रिकॉर्ड एक संस्थान से दूसरे संस्थान में स्थानांतरित होते समय भी सुरक्षित और सटीक रहेंगे।

‘वन नेशन, वन आईडी’ की तर्ज पर पहल

अपार आईडी को “वन नेशन, वन आईडी” की तर्ज पर डिज़ाइन किया गया है। यह पहल छात्रों की डिजिटल पहचान के साथ-साथ उनके शैक्षणिक डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को सुनिश्चित करती है।शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और सुधार शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, अपार आईडी से शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और नीति निर्माताओं को बेहतर डेटा-आधारित निर्णय लेने में मदद मिलेगी। यह पहल देश के शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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