शाजी थामस
कोरबा। गेवरा क्षेत्र के आवासीय परिसर के समीप निर्माणाधीन रेलवे लाइन ओवरब्रिज को लेकर संयुक्त केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। संगठनों का कहना है कि इस ओवरब्रिज का निर्माण बिना पर्याप्त योजना और विचार के किया जा रहा है, जिससे आवासीय क्षेत्र के निवासियों की समस्याओं का समाधान होने के बजाय और बढ़ने की संभावना है।
धूल प्रदूषण और यातायात जाम की समस्या बरकरार।
संगठनों ने आरोप लगाया है कि प्रस्तावित ओवरब्रिज से धूल प्रदूषण और यातायात जाम की समस्या पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, समीपवर्ती स्कूल के छात्रों और स्थानीय निवासियों को हमेशा असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
पूर्व में हुआ था बेकार फुट ओवर ब्रिज का निर्माण।
संगठनों ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले ही प्रगतिनगर जाने के लिए गेवरा क्षेत्र के आवासीय परिसर के समीप करोड़ों रुपये की लागत से एक ओवरब्रिज का निर्माण कराया गया था। हालांकि, उस ब्रिज का उपयोग आज तक नहीं हो पाया और अब उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया है। यह कंपनी के संसाधनों और धन की बर्बादी को दर्शाता है।
विरोध और आंदोलन की चेतावनी
संयुक्त केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने मांग की है कि इस ओवरब्रिज के निर्माण कार्य पर तुरंत रोक लगाई जाए। उनका कहना है कि यदि प्रबंधन ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया, तो वे आंदोलन, धरना प्रदर्शन, घेराव, और चक्का जाम जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि आंदोलन के दौरान उत्पन्न किसी भी स्थिति की पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।
संगठनों ने ओवरब्रिज के स्थान परिवर्तन और इसके प्रभावों पर पुनर्विचार करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि ओवर ब्रिज निर्माण के एस्टीमेट के दौरान जो नक्शा बनाया गया था उसे परिवर्तित कर दिया गया है निवासियों और श्रमिकों की शिकायतों के समाधान के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि आर्थिक और पर्यावरणीय क्षति से बचा जा सके।