शाजी थामस
कोरबा/दीपका: एसईसीएल की दीपिका कोयला खदान में खनन कार्य को लेकर ग्रामीणों और प्रबंधन के बीच विवाद गहराता जा रहा है। विवाद की वजह भूमि मुआवजा राशि के वितरण को लेकर बनी असहमति बताई जा रही है। भूमि स्वामी दिनेश जायसवाल और राजेश जायसवाल ने आरोप लगाया है कि खनन क्षेत्र में उनकी जमीन का उपयोग किए जाने के बावजूद उन्हें मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया। इसके अलावा, पेड़ों की कटाई और जबरन खनन कार्य शुरू करने को लेकर भी नाराजगी है। इस विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच पिछले कई दिनों से तनाव चल रहा था।
खनन कार्य में बाधा डालने पर कार्रवाई।
आज खनन कार्य के दौरान जब उक्त ग्रामीणों ने काम को रोकने का प्रयास किया, तो तहसीलदार की उपस्थिति में भारतीय दंड संहिता की धारा 170 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। प्रशासन ने ग्रामीणों को यह समझाइश भी दी कि वे भविष्य में खनन कार्य को रोकने का प्रयास न करें।
ग्रामीणों की शिकायत और प्रबंधन का पक्ष।
राजेश जायसवाल ने इससे पहले कोरबा पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर से शिकायत की थी कि एसईसीएल प्रबंधन जबरन उनकी जमीन पर खनन कर रहा है। वहीं, एसईसीएल का कहना है कि जिन जमीनों का उपयोग किया जा रहा है, उनकी मुआवजा राशि पहले ही आवंटित की जा चुकी है।
विवाद का समाधान अधर में ।
यह मामला अब तक सुलझ नहीं पाया है। ग्रामीण मुआवजा वितरण में अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं, जबकि प्रबंधन इसे निराधार बता रहा है। इस विवाद को लेकर प्रशासन को जल्द ही दोनों पक्षों के साथ बैठक कर समाधान निकालने की आवश्यकता है, ताकि खनन कार्य सुचारू रूप से जारी रह सके और ग्रामीणों को उनके हक का उचित मुआवजा मिल सके।