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शाजी थामस

दीपका नगर पालिका परिषद में राज्य सरकार की घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने की महत्वाकांक्षी जल आवर्धन योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं। इस योजना के तहत लगभग 9 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि में से 7 करोड़ रुपये का भुगतान संबंधित कार्य एजेंसी मल्टी अर्बन कंपनी नागपुर को किया जा चुका है।

स्थानीय निवासियों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, योजना के तहत जिन स्थानों पर पाइपलाइन बिछाने और कनेक्शन देने का दावा किया गया है, वहां कार्य नहीं हुआ है। कई स्थानों पर पाइपलाइन ही नहीं बिछी है। फर्जी माप पुस्तिका और बिलों के जरिए संबंधित अधिकारियों पर भारी भुगतान करने का आरोप लगाया गया है।

बिलासपुर संभाग संयुक्त संचालक राकेश जायसवाल ने कहा उच्च स्तरीय कमेटी करेगी जांच।

नगर विकास विभाग के संयुक्त संचालक को मिली शिकायत के आधार पर मामले की जांच के लिए जॉइंट टेक्निकल ऑफिसर की एक टीम गठित की जाएगी, जो जल्द ही जांच कर अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी।

पूर्व में किए गए कार्यों का ठोस प्रमाण नहीं, कनेक्शन के लिए निविदा जारी।

सूत्रों के अनुसार, यह भी पता चला है कि दीपका नगर पालिका ने घर-घर नल कनेक्शन के लिए एक करोड़ चालीस लाख रुपये का नया टेंडर जारी किया है, जिसमें दस वार्डो के बचे हुए स्थानों में पाइप लाइन के साथ नल कनेक्शन किए जाएंगे, अब सवाल उठ रहा की पूर्व में किए गए कार्यों का ठोस प्रमाण ही नहीं है। तो फिर आगे कनेक्शन देना कैसे संभव है।

इस योजना के तहत पिछले कई वर्षों से शुद्ध पेयजल की उम्मीद लगाए बैठे नागरिकों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि अब तक योजना का लाभ उन्हें नहीं मिला है।

अब देखना होगा कि जांच के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और भ्रष्टाचार के दोषियों पर क्या कदम उठाए जाते हैं।

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