शाजी थामस
दीपका क्षेत्र स्थित एसईसीएल,साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में 18 से 30 नवंबर तक खान सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य खदान क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करना है। हालांकि, पखवाड़े के पहले ही दिन खदान क्षेत्र में एक गंभीर दुर्घटना ने इस आयोजन के महत्व और प्रभाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
खदान क्षेत्र में काम के दौरान एक कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके पैर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की है। वहीं घायल वरुण नाहक को अपना पांव गवाना पड़ गया।इस हादसे ने खदान क्षेत्र में सुरक्षा मापदंडों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

सुरक्षा पखवाड़ा: औपचारिकता या सुधार का प्रयास?
एसईसीएल प्रबंधन हर साल खान सुरक्षा पखवाड़ा, सतर्कता पखवाड़ा और राजभाषा पखवाड़ा जैसे आयोजन करता है। इनका उद्देश्य कर्मचारियों में सुरक्षा, ईमानदारी और हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देना है। लेकिन इन आयोजनों के प्रभाव पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि लगातार हो रही दुर्घटनाएं सुरक्षा पखवाड़ा शुरू होने के साथ ही दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा नियमों का पालन केवल कागजों तक सीमित है। खदान क्षेत्रों में भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकायतें आम हैं। इससे पता चलता है कि सतर्कता पखवाड़े का भी असर नगण्य है।राजभाषा पखवाड़ा की औपचारिकता हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के नाम पर बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन अधिकतर काम अंग्रेजी में ही होते हैं। खान सुरक्षा पखवाड़ा के दौरान सुरक्षा जागरूकता के नाम पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। लेकिन घटनाओं से साफ है कि इनका प्रभाव जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहा है।प्रबंधन की जिम्मेदारी सुरक्षा पखवाड़े के दौरान हुई इस दुर्घटना ने प्रबंधन की कार्यशैली और प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि खदानों में सुरक्षा मापदंडों का सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा है।एसईसीएल प्रबंधन को इस घटना से सबक लेते हुए सुरक्षा नियमों को कड़ाई से लागू करने की आवश्यकता है। सिर्फ आयोजनों तक सीमित प्रयासों से खदान क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो सकती।