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शाजी थामस

कोरबा, दीपका/ थाना चौक से दीपका चौक तक भारी वाहनों के आवागमन के बीच दुर्घटनाओं को रोकने और दीपका कॉलोनी से प्रगति नगर कॉलोनी को जोड़ने के उद्देश्य से साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड गेवरा प्रबंधन ने लगभग 10 साल पहले करीब 1.75 करोड़ रुपये की लागत से एक फूट ओवर ब्रिज का निर्माण कराया था। लेकिन इस ब्रिज का उद्देश्य कभी पूरा नहीं हुआ, और आज यह सफेद हाथी बनकर रह गया है। अब प्रबंधन इसे तोड़ने की तैयारी कर रहा है।

यह ब्रिज इस उद्देश्य से बनवाया था कि दोनों कॉलोनियों के बीच पैदल यात्रियों को सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिले और सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं में कमी आए। भारी वाहनों के दबाव के बीच पैदल यात्रियों के लिए यह एक राहत का साधन बन सकता था,हालांकि, इस ब्रिज का उपयोग कभी शुरू नहीं हो सका और ना ही इसे यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया गया। नतीजतन, यह ब्रिज धीरे-धीरे अनुपयोगी होता गया और स्थानीय लोगों के लिए किसी काम का नहीं रह गया।वर्तमान में थाना चौक से दीपका चौक तक एक नए ओवरब्रिज का निर्माण कार्य जारी है। इस नए ओवरब्रिज के निर्माण में यह फूट ओवर ब्रिज बाधा उत्पन्न कर रहा है। इसे देखते हुए अब इस पुराने फूट ओवर ब्रिज को डिस्मेंटल (तोड़ने) का निर्णय लिया है।

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गौरतलब है कि 10 साल पहले जब यह ब्रिज का निर्माण किया जा रहा था, तब तत्कालीन पार्षद अरुणीश तिवारी ने इसके औचित्य पर सवाल उठाते हुए विरोध किया था। उन्होंने इसे बेमतलब का खर्च बताया था। आज यह बात सही साबित हो रही है, क्योंकि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद यह ब्रिज किसी के उपयोग में नहीं आया।सही प्लानिंग के बिना निर्माण किया गया, जिसकी वजह से यह कभी कारगर साबित नहीं हो सका

गेवरा सिविल महा प्रबंधक रवि चंद्रा ने बताया कि डिस्मेंटल करने के लिए टेंडर जारी किया जाएगा।

इतने बड़े पैमाने पर सरकारी धन की बर्बादी के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है ? एसईसीएल गेवरा प्रबंधन अब इस पुराने ब्रिज को तोड़कर नए ओवरब्रिज के निर्माण कार्य को सुगम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह कदम न केवल आवागमन को बेहतर बनाएगा, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना को भी कम करेगा।

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