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शाजी थामस
प्रगति नगर कॉलोनी, दीपिका स्थित बाल उद्यान, जो कभी बच्चों के मनोरंजन और खेलकूद का प्रमुख स्थान हुआ करता था, अब जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। कॉलोनी क्षेत्र में रहने वाले बच्चों की सुविधा के लिए एसईसीएल दीपिका परियोजना द्वारा निर्मित यह उद्यान आज साफ-सफाई और रखरखाव की कमी के कारण बदहाली का शिकार है।
सिविल विभाग की लापरवाही ,खराब रखरखाव का आलम।
सिविल विभाग की लापरवाही के चलते बाल उद्यान में न तो नियमित साफ-सफाई हो रही है, न ही बच्चों के खेल उपकरणों की देखभाल की जा रही है। झूले और फिसलपट्टी जैसी संरचनाएं पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं, जिससे बच्चों के खेलने के दौरान चोटिल होने की आशंका बनी रहती है। उद्यान में जगह-जगह गंदगी का आलम है और लाइट की व्यवस्था भी केवल औपचारिकता बनकर रह गई है।
शिकायतों के बावजूद सुधार पर नहीं दिया जा रहा ध्यान।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, बाल उद्यान की दुर्दशा को लेकर कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन सिविल विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कुछ दिनों पहले वेलफेयर कमेटी के निरीक्षण के समय अस्थायी रूप से कालोनी क्षेत्र की साफ-सफाई कराई गई थी, लेकिन अब स्थिति फिर से खराब हो गई है।
सिविल विभाग ने किया सार्वजनिक धन का दुरुपयोग।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि शासकीय रूप से निर्मित इस बाल उद्यान में रखरखाव की अनदेखी से सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हो रहा है। यह साफ दर्शाता है कि प्रबंधन अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुविधाओं को लेकर कितना उदासीन है।कॉलोनी के निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि बाल उद्यान की स्थिति को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। नियमित साफ-सफाई, खेल उपकरणों की मरम्मत, और लाइट व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में ठोस कार्रवाई की जाए, ताकि बच्चों को एक सुरक्षित और स्वच्छ खेल क्षेत्र उपलब्ध हो सके।प्रगति नगर कॉलोनी का यह बाल उद्यान किसी समय बच्चों की मुस्कान का कारण था, लेकिन आज यह उपेक्षा और लापरवाही का शिकार हो गया है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि बच्चों के बचपन की खुशियां लौट सकें।