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शाजी थॉमस

दीपका क्षेत्र में पीछले तीस वर्षो से निवास करने के बाद अपने पैतृक घर वापसी के दौरान पी एम कोशी वैद्यन परिवार ने अपने साथ सिर्फ़ घरेलू सामग्री ही नहीं बल्कि 25 वर्ष पूर्व स्वर्ग लोक पहुंच चुके अपने पिता बहन और सास की अस्थि को भी अपने साथ ले गए।यह बात जरूर आपको अजीब सा लगेगा मगर यह सच है, जहां आज के दौर में लोग अपने जीवित माता-पिता को छोड़ देते है, वही इस दंपति ने अपने पितरों की अस्थि अपने साथ ले जा कर एक मिसाल कायम की है।बताया जा रहा है कि पाली रोड दीपका में पीएम कोशी वैद्यन निवास ते थे, जो एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। उनके साथ पत्नी और बच्चे के अलावा पिता, बहन तथा सास भी रहती थी। उनके पिता की मौत वर्ष 2001 में हो गई। इसी तरह बहन का 16 साल तो सास का देहांत करीब दस साल पहले हो गया। श्री वैदयन ने क्रिश्चियन समाज के नियमानुसार तीनों का अंतिम संस्कार पंप हाऊस स्थित कब्रिस्तान में किया था। वे जब तक दीपका में थे,कब्रिस्तान पहुंचकर कई मौकों पर प्रेयर करते थे। वे सेवानिवृत्त होने के बाद परिवार सहित केरल चले गए। जहां से साल में तीन से चार बार प्रेयर के लिए कोरबा आना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में श्री वेदयन और उनके परिजनों ने तीनों मृतात्माओं के अस्थि को केरल लाने का फैसला कर लिया। इसके लिए श्रीवैदयन परिवार के साथ कोरबा पहुंचे। उन्होंने कब्रिस्तान में कब्र खुदाई कर पिता, बहन और सास की अस्थि के लिए अनुविभागीय व तहसील कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। अफसरों ने आवेदन पर विचार करने के बाद कब्र की खुदाई के लिए अनुमति प्रदान कर दी। इसके साथ ही प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में कब्रिस्तान में कब्र की खुदाई कर अस्थि निकालकर परिवार के सुपुर्द किया गया।परिवार के सदस्य अस्थि लेकर केरल के लिए रवाना हो गए। परिजनों के अनुसार केरल के कब्रिस्तान में पिता, बहन और सास की अस्थियों को कब्र में रखा जाएगा। इसके साथ ही सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार प्रेयर किया जाएगा, जिससे उन्हें कोरबा बार बार आने जाने की समस्या से निजात मिल सकेगी।

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