कोरबा: SECL के 2 नंबर खदान के बंद पड़े पंखा घर में दो दिन पहले लापता हुए गोपी राम यादव के शव को खदान के पंखे घर से निकाला गया, जिसने खदानों में सुरक्षा मानकों की गहरी लापरवाही को उजागर किया है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं।गोपी राम यादव के लापता होने की रिपोर्ट मिलने के बाद से ही उनकी खोजबीन की जा रही थी। उनका शव मिलने से पहले की खोजबीन की प्रक्रिया और खदान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं। खदान की बंद अवस्था और सुरक्षा मानकों की अनुपस्थिति ने इस घटना को और भी गंभीर बना दिया है। स्थानीय निवासियों और परिवार के सदस्यों का कहना है कि SECL के खदानों में सुरक्षा उपायों की कड़ी निगरानी की जानी चाहिए। खोजबीन के दौरान खदान के अंदर दो अन्य संदिग्ध स्थानों की पहचान की गई है जहां संभावित सुरक्षा खामियां देखी गई हैं। इन स्थानों पर भी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। SECL के अधिकारियों से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई, लेकिन उनके द्वारा अभी तक कोई स्पष्ट और संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। उनकी चुप्पी ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। यह घटना SECL को एक कठोर चेतावनी देती है कि कंपनी को अपनी सुरक्षा प्रबंधन नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए और तत्काल सुधारात्मक उपाय करने चाहिए। स्थानीय समुदाय की मांग है कि SECL को अपनी सुरक्षा व्यवस्था की पुनरावृत्ति करनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी अन्य व्यक्ति को इस प्रकार की त्रासदी का सामना न करना पड़े। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि SECL को अपनी खदानों में सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और सभी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस प्रकार की घटनाएं SECL की प्रतिष्ठा पर भी प्रश्नचिह्न लगाती हैं और यह आवश्यक है कि कंपनी तत्काल प्रभावी कदम उठाए और अपने सुरक्षा प्रबंधन को मजबूत करे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।