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शाजी थॉमस

पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखने के मामले में पुलिस विभाग ने सक्त कार्रवाई करते हुए कोटा थाने के टी संजय सोनकर को सस्पेंड कर दिया फिर उनके ऊपर एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया सुकमा पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अजय सोनकर के खिलाफ धारा 324 और 331 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है

हम आपको बता दें कि दंतेवाड़ा और सुकमा के चार पत्रकार बप्पी राय धर्मेंद्र सिंह मनीष सिंह और निशु त्रिवेदी कोटा क्षेत्र में अवैधृ रेत परिवहन की रिपोर्टिंग करने के लिए पहुंचे थे उन्होंने शबरी नदी से रेत लोड कर तेलंगाना के हैदराबाद जा रहे ट्रैकों का कवरेज किया और वीडियो बनाया खबर है कि इन पत्रकारों का विवाद ड्राइवर से हुआ इसकी सूचना कोटा थाना प्रभारी को दी गई थाना प्रभारी ने उल्टे पत्रकारों को धमकाते हुए थाने ले आए और रेत के वाहनों को छोड़ दिया।


रिपोर्टिंग करने आए पत्रकार थाने से कोटा में ही आरएसएन लॉज में जाकर रुक गए अगले दिन जब पत्रकार कोटा सीमा पार कर आंध्र प्रदेश की चट्टी क्षेत्र में पहुंचे तो वहां चितपुर पुलिस ने उनकी गाड़ी की चेकिंग की और 40 किलो गांजा मिलने का आरोप लगाते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया वाहन में गांजा मिलने की बात से पत्रकार भी चकित रह गए इस मामले की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के पत्रकार सक्रिय हो गए ।
यह मामला गंभीर होने के कारण पत्रकारों ने पत्रकार साथियों को साथ देते हुए इसकी शिकायत गृहमंत्री विजय शर्मा से की गृह मंत्री के निर्देश पर बस्तर आईजी सुंदर राज् पी ने आंध्र प्रदेश के आईजी से इस मामले पर चर्चा की।
गिरफ्तार किए गए पत्रकार आखिरी यह सोच में थे कि उनकी गाड़ी पर गांजा कैसे आया तभी उन्हें ध्यान आया कि वह रात को कोटा के एक होटल में रुके थे हो ना हों रात के वक्त किसी ने षडयंत्र पूर्वक कार में गांजा रख दिया है इस मामले की जानकारी मिलते ही सुकमा कोटा के स्थानीय पत्रकार उस होटल में पहुंचे और होटल के मालिक से वहां के सीसीटीवी फुटेज दिखाने को कहा यहां मौजूद पत्रकारों ने फुटेज में देखा कि दो शक्स कार को खोलने का प्रयास कर रहे हैं पत्रकार इस फुटेज में को अपने मोबाइल के कमरे में कैद कर लिया तभी कोटा टीआई अजय सोनकर कि भी इसी होटल में एंट्री होती है यह मौजूद पत्रकारों ने बताया कि टीआई ने यहां पहुंचते ही होटल के मालिक को सीसीटीवी फुटेज दिखाने से रोक दिया जिसके बाद सीसीटीवी का डीवीआर साथ लेकर चले गए बाद में उन्होंने डी वी आर वापस कर दिया यह वाक्य 10 अगस्त की है होटल मालिक को डीवीआर वापस मिलने के बाद स्थानीय पत्रकार जब वहां दोबारा पहुंचे तो फुटेज देखना चाहा तो पता चला कि डीवीआर बीच के हफ्ते का फुटेज गायब है इसे साफ हो गया कि सोनकर ने फुटेज डिलीट करवा दिए हैं पत्रकार ने इसकी शिकायत सुकमा एसपी किरण चौहान से किया पत्रकारों को षडयंत्र पूर्वक फसाने वाले का एसडीओपी परमेश्वर तिलकवार के नेतृत्व में टीम बनाई गई पूरे घटना की जांच कराई गई।जांच रिपोर्ट में यहां पाया कि अजय सोनकर ने होटल से वैधानिक तरीके से डी वी आर उठाकर अपराधिक कृत किया है इस आधार पर सबसे पहले टी ई को निलंबित किया गया फिर उनके खिलाफ धारा 324 331 के प्रकरण दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया गया और जेल दाखिल कर दिया इस मामले की जांच में रिपोर्ट में यह बात का उल्लेख है कि पत्रकार कोटा के जी रस से लाज में रुके थे 6 अगस्त में रेट ठेकेदार चंदू भी अपने साथियों समेत इसी लॉज में रुका था वहीं स्थानीय पत्रकार इरशाद खान और उसका एक साथी मांडवी पवन पत्रकार बप्पी राय और अन्य के साथ होटल में मौजूद थे जांच रिपोर्ट के मुताबिक इरशाद और पवन रात के वक्त दो बार अलग-अलग समय में कर को लेकर गए थे आंध्र प्रदेश की पुलिस द्वारा पत्रकारों को गांजे के मामले में पकड़ने के बाद से इरशाद और पवन फरार है इसलिए उनके ऊपर शक पैदा हो रहा है और इस दोनों की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है इस बात का भी शक है की रेट माफिया चंदू और पुलिस ने इरशाद को पवन के साथ मिली भगत करके कर में गांजा रखवाया होगा या फिर रात के बाद किसी और के जरिए यह कार्य करवाइए इसका खुलासा दोनों के पकड़ में आते ही हो जाएगा इस मामले की गहन जांच की जा रही है वहीं चित्र पुलिस की गांजे के संबंधित मामले में जांच कर रही है आईटीआई के खिलाफ कार्रवाई के बाद जांच और भी गहरा हो गया है भारत पत्रकार जगत की चिंता उन पत्रकार साथियों को लेकर है जिन्हें कथित तौर पर झूठे मामले में फंसा कर जेल भिजवा दिया जाता है इस मामले में कोटा और आंध्र प्रदेश के चित्र पुलिस की मिली भगत के आरोप लग रहा है फिलहाल प्रयास किया जा रहा है कि द्वार से जो फुटेज उड़ा दिए गए हैं उन्हें किसी तरह रिकवर किया जाए ताकि पत्रकारों को बेगुनाह साबित होने में मदद मिल सके ।

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