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शाजी थॉमस

निविदा लेने की अनुमति नहीं देने से शुरु हुई शिकायतों का दौर।

दीपिका नगर पालिका क्षेत्र में इन दिनों वाद युद्ध का दौर शुरू हो गया है। नगर पालिका अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष पर कई आरोप लगाए हैं, अध्यक्ष संतोषी दीवान ने सोशल मीडिया के माध्यम एक जानकारी सार्वजनिक की है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेसियों द्वारा पिछले कार्यकाल में उन्हें भ्रष्टाचार करने पर मजबूर किया जा रहा था जिससे क्षुब्ध हो कर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के दामन को थामा ।इसके बाद कांग्रेसियों के पेट में दर्द शुरू हो गया है यही नहीं उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गया चंद्रा के द्वारा भाजपा नगर पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान के ऊपर अनर्गल शिकायतें भी की जा रही है और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ न्यायालय की शरण में जाएंगी। साथ ही उन पोर्टल समाचार के खिलाफ भी मानहानि का दावा करेंगी जिन्होंने इस समाचार को कवरेज दिया। पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान ने बताया कि टेंडर जारी अधिकारीयों द्वारा की जाती है इस प्रक्रिया में उनका कोई योगदान नहीं है।

नगर पालिका दीपका पर लगाए भ्रष्टाचार का आरोप।

हम आपको बता दें कि यह सारी बातें तब सामने आई जब कांग्रेस ब्लाक सचिव दीपका के धीरेंद्र तिवारी उर्फ निशु के द्वारा किसी निविदा को लेकर नगर पालिका के आधिकारी फार्म खरीदी कि अनुमति नहीं दी गई । जिसके बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव को पत्र के मध्यम से शिकयत की गई, अपने शिकायत पत्र में उन्होंने नगर पालिका पर खुलकर भ्रष्टाचार करने और अपने मातहतों को निविदा उपलब्ध कराने की बात कही है।

गौरतलब है की नगरी निकाय चुनाव में अब कुछ ही महीने शेष बचे हुए हैं ऐसे में राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप स्वाभाविक है। रही बात दीपका नगर पालिका में भ्रष्ट्राचार की तो इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता । शायद यहीं व्यवस्था है जिसके मध्यम से यह पूरा तंत्र संचालित है। बाहरहाल अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के बिच का यह वाद युद्ध किस ओर रूख बदलती है देखने वाली बात होगी।

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