Breaking

शाजी थॉमस

कोरबा लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। कांग्रेस से ज्योत्सना चरण दास महंत और भाजपा से सुश्री सरोज पांडे चुनावी मैदान में आमने-सामने है तो वही अब कोयलांचल क्षेत्र में श्रमिकों के बीच से प्रत्याशी उतारने की चर्चा प्रमुखता से सामने आ रही है । कोयला मजदूर सभा एचएमएस ट्रेड यूनियन के वरिष्ठ श्रमिक नेता जेबीसीसीआई मेंबर नाथूलाल पांडे चुनावी मैदान में एक बार फिर अपना भाग्य आजमाएंगे।

श्रमिकों की आवाज बुलंद करने में असमर्थ है राजनीतिक दल- नाथूलाल पांडे।

नाथू लाल पांडे ने बताया कि श्रमिकों की आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस भाजपा दोनो दल कभी आगे नहीं आए । कामगारों की आवाज को बुलंद करने और उनकी बात को दिल्ली तक पहुंचाने के लिए श्रमिक संगठनों के बीच राय शुमारी चल रही है। जिसमें नाथू लाल पांडे का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। कोरबा लोकसभा से प्रत्याशी उतारने को लेकर ट्रेड यूनियने के बीच बातचीत चल रही है ।श्रमिकों के बीच से नाथूलाल पांडे का नाम सामने आता है तो चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं। क्योंकि कोरबा लोकसभा में अधिकांश मतदाता कोयला क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर हैं । सभी दलों की अगर एक राय बनती है तो कोरबा लोकसभा के लिए चौंकाने वाले परिणाम आ सकते हैं ।श्री नाथू लाल पांडे ने आगे बताया कि जो भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में जीता है वह श्रमिकों की बात नहीं करता है औद्योगिक नगरी कोरबा से मनेद्रगढ़ तक लाख 5 से 7 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं और बहुत से परिवार सेवानिवृत्ति हैं उनकी उपेक्षा हमेशा हुई है श्रम कानून की अवहेलना होती रही है ।कोई नेता श्रम कानून के बारे में नहीं जानता है जीतने के बाद सरकार का ध्यान उसकी ओर कभी नहीं जाता है। अभी परिस्थितियों के अनुसार शायद मोदी जी प्रधानमंत्री फिर बन जाए लेकिन मजदूरों की श्रम कानूनो की, श्रमिकों की, किसानों और गरीबों की बात करने वाला कोई नहीं है कोरबा सारे देश को बिजली से प्रकाशित करता है और कोरबा खुद धूल डस्ट सहन करता है ।यह सब विचारणीय है। आम जनता को फैसला करना होगा कौन उनको न्याय दिलाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!