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शाजी थॉमस

गेवरा दीपका
दीपका खदान एसईसीएल के तीन मेगाप्रोजेक्ट्स में से एक है और देश की सबसे बड़ी कोयला खदानों में शामिल है। वर्तमान में खदान की क्षमता लगभग 40 मिलियन टन है एवं भविष्य में खदान की क्षमता में और वृद्धि करने की योजना है। इसे ध्यान में रखते हुए दूर खदान से कोयला परिवहन को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से दीपका ओसीपी सीएचपी साइलो एफएमसी परियोजना का निर्माण किया गया है।

बंकर, कन्वेयर बेल्ट, साइलो तथा रैपिड लोडिंग सिस्टम से लैस इस एफएमसी परियोजना की लागत लगभग 211 करोड़ रुपए है एवं इससे सालाना 25 मिलियन टन कोयला मैकेनाइज्ड तरीके से बिजली संयन्त्रों सहित विभिन्न उद्योगों को भेजा जा सकेगा।

परियोजना की विशेषताएँ

दीपका ओसीपी सीएचपी साइलो, एसईसीएल दीपका मेगा प्रोजेक्ट में स्थित है जिसकी क्षमता 25 मिलियन टन प्रति वर्ष और नई परियोजना की लागत 211.22 करोड़ रुपए है ।
ओवरग्राउंड बंकर क्षमता: 20,000 टन कन्वेयर बेस्ट की लंबाई: 1.86 किमी बताई गई है । उक्त परियोजना में साइलो की संख्या 2 है जिसमे साइलो की क्षमता 3.000 टन आरएलएस की लोडिंग क्षमता 4500-8500 टन प्रति घंटा होगी ।

परियोजना के निर्माण चरण के दौरान हर दिन और 250 लोगों
को रोजगार उपलब्ध कराया तथा परियोजना के चालू हो जाने पर हर दिन 100 लोगों को रोजगार मिलेगा।

एसईसीएल दीपिका महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने बताया कि अब तक उनके पास 15 मिलियन टन का ही साईलों था 40 मिलियन टन खदान की क्षमता होने की वजह से 25 मिलियन टन क्षमता वाली साईलों का निर्माण किया गया है आगामी समय में इस साईलों से प्रदूषण रहित कोल् ट्रांसपोर्टिंग की सुविधा मिल सकेगी साथियों सड़क मार्ग से होने वाले कोयला परिवहन पर भी दबाव कम होगा

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