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कोरबा : गेवरा खदान में नियोजित आउटसोर्सिंग कंपनियों में रोजगार की मांग को अनदेखी व बार- बार मिल रहे झूठे आश्वासन से नाराज होकर प्रभावितों ने कोयला व मिट्टी परिवहन का कार्य रोक दिया। जानकारी मिलने पर कंपनी व एसईसीएल के अधिकारी स्थल पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से चर्चा किए। उन्होंने आश्वस्त किया कि मंगलवार से स्थानीय लोगों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी और एक सप्ताह के भीतर रोजगार की भर्ती पूरी कर ली जाएगी, इसके बाद आंदोलन समाप्त किया गया।

साऊथ ईस्टर्न कोलफिल़्डस लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा खदान में नियोजित आऊटसोर्सिंग कंपनियों में आठ माह से प्रभावित बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए टालमटोल की नीति अपनाई जा रही है। इसेस लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। सोमवार को सुबह काफी संख्या में ग्रामीणों ने गेवरा खदान में घुसकर लगे कोयला व मिट्ठी के काम में परिवहन को रोक दिया। निजी कंपनी कलिंगा, रुंगटा, केजे सिंह की परिवहन कार्य में लगी गाड़ियों के पहियों रोक दिए। इस दौरान ग्रामीण प्रदर्शन कर नारेबाजी करते रहे। जानकारी मिलते ही एसईसीएल के परियोजना अधिकारी अशोक कुमार स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों से चर्चा किए और समझाइश देते कहा कि कल से ही आउटसोर्सिंग कंपनियों में बेरोजगारों को रोजगार में नियोजित की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और एक हफ्ते में सभी प्रभावित बेरोजगारों को रोजगार के भर्ती को पूरा कर ली जाएगी।

इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और पांच घंटे बाद आंदोलन समाप्त किया। उन्होंने कहा कि कल से अगर भर्ती प्रक्रिया प्रबंधन द्वारा नहीं कराया जाता है, तो सुबह 10 बजे से फिर से खदान के कार्यों को बाधित करेंगे। ग्रामीण विनोद कुर्रे, तुलेश्वर बैरागी कुश बंजारा ने जानकारी देते हुए बताया कि आउटसोर्सिंग कंपनियों में प्रभावित बेरोजगारों को रोजगार के लिए तीन बार खदान को बंद किया गया था और तीनों बार प्रबंधन के द्वारा कंपनियों में रोजगार के लिए आश्वासन दिया गया था लेकिन हमेशा की तरह उनके आश्वासन झूठ ही साबित हुए।

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