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राखड़ के मनमाने डंपिंग की वजह से आए दिन इंसान और मवेशियों पर आफत आती रहती है। अब एक गाय को घंटों रेस्क्यू कर दलदल से सुरक्षित बाहर निकाला गया है। लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
कोरबा नगर और जिले के बिजली घरों में हर रोज कोयला का भारी मात्रा में उपयोग करने के बाद वहां से निकलने वाली राख जन स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बहुत बड़ी परेशानी बनी हुई है। राखड़ के मनमाने डंपिंग के कारण हर तरफ इंसान और मवेशियों की आफत आयी हुई है।
नड़ियाखड़ क्षेत्र में राखड़ के दलदल में फंसे एक मवेशी को बचाने का कार्य गौसेवक समिति ने किया है। प्रगति नगर और राताखार के मध्य नदियाखड इलाके में परिवहन कारोबारी के द्वारा बिजली घरों से निकलने वाली राख को मनवाने तरीके से डंप किया जा रहा है।
इसके नजदीक में ही हसदेव नदी का प्रवाह क्षेत्र है। नदी के जल ग्रहण क्षेत्र के नजदीक रखड़ को लगातार डाले जाने से वहां दलदल की स्थिति निर्मित हो गई है और इसके कारण कई प्रकार के खतरे बने हुए हैं। लोगों के द्वारा पशुपालन किया जा रहा है। जिनके मवेशियों के सामने इस स्थिति में समस्याएं हैं। इसी दलदल में एक मवेशी गिरकर छटपटा रही थी। इस बारे में सूचना मिलने पर गोपालक समिति के कार्यकर्ता पहुंचे और अपने संसाधन के साथ उसकी रक्षा की।
गौ सेवक अक्षत शर्मा ने बताया कि दर्री बाईपास राताखार मार्ग पर भारी मात्रा में रखड़ का डंप किया जा रहा है। जिसके चलते आम लोगों को परेशानी हो रही है। बारिश के बाद इलाके में दलदल सा हो गया है। जिसकी चपेट में आने से एक मवेशी फंस गया था। जिसका घंटों रेस्क्यू कर बाहर निकल गया। बेजुबान जानवर फंस गया है। कभी इंसान भी इसकी चपेट में आ सकता है। ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई संबंधित विभाग को करनी चाहिए नहीं तो कभी भी बड़ी दुर्घटना कर सकती है।
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