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कोरबा : साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत कोल माइंस में आज एक बार फिर भूविस्थापितों ने प्रदर्शन किया। ये लोग पाली, पड़निया और अन्य क्षेत्र के बताए जा रहे हैं। रोजगार, मुआवजा और बसाहट के मुद्दे पर इन्होंने तेवर दिखाए। उनका आरोप है कि एसईसीएल बात जरूर कर रहा है लेकिन काम का अतापता नहीं है।

पिछले दिनों भूविस्थापितों के द्वारा खदान के भीतर प्रदर्शन किया गया था और अपनी समस्याएं बताई गई थी। जिस पर आनन-फानन में प्रबंधन के अधिकारी वहां पहुंचे और उनसे चर्चा की। अपने स्तर पर लोगों को समझाया गया। किसी तरह वे मान गए और खदान से चले गए। इससे पहले उन्होंने कहा कि अगर निश्चित समय में लंबित मामलों पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो उन्हें अपने तेवर दिखाने होंगे। खबर के मुताबिक काफी समय मिलने पर भी एसईसीएल मुख्यालय की ओर से विस्थापितों से जुड़ी मांगों और समस्याओं के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई गई। इसके कारण उनकी नाराजगी बढ़ी। अल्टीमेटम देने के साथ नजदीकी क्षेत्र के भूविस्थापितों ने आज सुबह बड़ी संख्या में उपस्थित होकर खदान में प्रदर्शन किया और कामकाज को बाधित किया। ये लोग झंडे, बैनर के साथ यहां पहुंचे थे। प्रबंधन को इसकी जानकारी होने पर पुलिस को अवगत कराया गया। जिसके बाद कुसमुंडा थाना प्रभारी मनीषचंद्र नागर दलबल सहित उस स्थान पर पहुंचे जहां प्रदर्शन चल रहा था। नियमों का हवाला देने के साथ यहां मोर्चा संभाला गया। बताया गया कि भूविस्थापितों की बातचीत प्रबंधन से करायी जा रही है। इस मसले पर लोग मान गए हैं। अधिकारियों की उपस्थिति में संबंधित बिंदुओं पर चर्चा होगी ताकि भविष्य के लिए रास्ते खुल सके और बार-बार उत्पन्न होने वाले गतिरोध से बचा जा सके।

ज्यादा देर नहीं चल सका प्रदर्शन
अलग-अलग बैनर पर भूविस्थापित अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे हैं। हर बार उन्हें प्रबंधन की ओर से आश्वासन प्राप्त होता है किंतु यह परिणाम तक नहीं पहुंच पाता। देखने को मिला है कि कम समय तक धरना और नारेबाजी के बाद अफसरों की बातों में आने के साथ इस तरह के प्रदर्शन बंद हो जाते हैं। इससे वैसा प्रभाव नहीं पड़ रहा है, जिसकी अपेक्षा की जा रही है। इसलिए भी भूविस्थापितों की मांगें लंबित हैं और समस्याएं जस की तस है।

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