कोरबा : छत्तीसगढ़ में लंबे समय से गौ तस्करी को लेकर न केवल आरोप लगते रहे हैं बल्कि इस प्रकार के मामले भी सामने आए हैं। कुछ मामलों में आरोपियों को पशु क्रूरता के अंतर्गत जेल भेजने की कार्रवाई पुलिस द्वारा की गई है। इस कड़ी में पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में लोगों के सतर्क होने पर एक तस्कर 10 से अधिक गायों और वाहन को छोड़ भाग निकला। बाद में ट्रैक्टर से पिकअप को टोचन कर बांगो थाना के हवाले किया गया। प्रकरण में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

बुधवार की रात्रि एक बजे के आसपास यह मामला बांगो पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पाथा गांव में प्रकाश में आया। गौ सेवक नानक सिंह राजपूत, दीपक अग्रवाल और उनके साथियों को खबर मिली थी कि कुछ दिनों से गौ तस्करी को लेकर संदिग्ध लोग काम कर रहे हैं, इससे गौ संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। क्षेत्र के जागरूक लोगों ने इस बारे में मंत्रणा की और रात्रि में ग्रामीण रास्ते से होकर आवाजाही करने वाले वाहनों पर निगाह रखना शुरू कर दी। इसके परिणाम सामने आए। बताया गया कि रात्रि को झारखंड में पंजीकृत पिकअप संख्या जेएच-01डीजी-5436 यहां से गुजर रहा था। वाहन के आगे बढऩे से पहले ही आगे बैठे युवाओं ने उसे रोकवाने की पूरी योजना बनाई। माजरा समझने के साथ कुछ दूर पहले ही चालक ने गाड़ी रोक दी और चाबी निकालने के साथ भाग खड़ा हुआ। मामला यहीं से संदिग्ध हो गया। वाहन की तलाशी लेने पर उसके पिछले हिस्से में 10 से ज्यादा गाय मौजूद मिली जो ठूंस-ठूंस कर इसमें भरी गई थी। उनकी सुरक्षा के लिए किसी प्रकार के प्रबंध नहीं करने से शक यकीन में बदल गया कि कुल मिलाकर मामला गायों की तस्करी का हो सकता है। इस मामले को पकडऩे वाले युवाओं ने मौके के वीडियो बनाए। कुछ घंटे बाद गांव के एक ट्रैक्टर की मदद से गायों से लोड पिकअप को टोचन किया गया और उसे पाथा से बांगो पुलिस थाना भेज दिया गया। पुलिस को इस मामले में पूरी जानकारी दी गई है। माना जा रहा है कि वाहन के रजिस्ट्रेशन के आधार पर वास्तविक आरोपी तक पुलिस पहुंच सकती है।

झारखंंड की गैंग है सक्रिय
जानकारों ने बताया कि आदिवासी बाहुल्य पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के विभिन्न क्षेत्रों में मवेशी तस्करी को लेकर झारखंड की गैंग काफी समय से सक्रिय है। स्थानीय भाषा में लोग इन्हें रउहा के नाम से जानते हैं। अपने काम को अंजाम देने के लिए तस्करों का गिरोह कुछ स्थानीय लोगों से सांठगांठ किये हुए है। छत्तीसगढ़ राजनगर से अपना वास्ता होने का झांसा देकर तस्कर अपने काम को अंजाम देते रहे हैं। गर्मी के सीजन में इन लोगों की संख्या बढ़ जाती है। संबंधित लोग अपनी गतिविधियों को संचालित करने के लिए तर्क देते हैं कि खेती-किसानी के लिए मवेशियों को लेकर जा रहे हैं। वर्तमान में जब सीमांत किसान भी आधुनिक साधनों का उपयोग कर रहे हैं तो सवाल उठता है कि आखिर वह कौन सी प्रजाति है जो खेती-बाड़ी में मवेशियों के इस्तेमाल पर भरोसा करेगी।

की जा रही कार्रवाई
11 मवेशियों से लोड पिकअप को पुलिस ने कब्जे में लिया है। इनमें से दो गाय मृत मिली है। उन्हें पीएम के लिए भेजा जा रहा है। अन्य मामले में पंचनामा के साथ दोषियों के विरूद्ध 36क पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
-कृष्ण कुमार वर्मा, थाना प्रभारी बांगो

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