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कोयलांचल/शाजी थॉमस/गेवरा/एसईसीएल गेवरा माइंस में डीओ के संबंध में दिए जाने वाले कोयला को लेकर प्रबंधन ने बड़ा बदलाव कर दिया है। इस पर अमल शुरू हो गया है। नई व्यवस्था के अंतर्गत कोल लिफ्टर्स को उनके नहीं बल्कि प्रबंधन के तरीके से कोयला प्राप्त होगा। इस बदलाव ने अनेक लोगों की दुकानदारी बंद हो गई है।

हम आपको बता दें कि गेवरा दीपका कुसमुंडा की कोयला खदानों में लिफ्टारों को सुविधा देने के लिए कोयला लोडिंग के अलग-अलग व्यवस्था प्रबंधन द्वारा की जा रही थी।कोयला लिफ्टर अपने हिसाब से कोयले को डंप कराते थे और डिमांड के विपरीत कोयला का उठाव करते थे और मोटी रकम मुनाफे के रूप में कमाते आ रहे हैं इसके हिस्सेदारी सम्बन्धित अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया जा रहा था बड़े लेवल पर शिकायत होने के बाद इस तरह की व्यवस्था पर एबी गेवरा कोयला खदान में पाबंदी लगा दी गई है अब नियमों के अनुसार प्रबंधन लिफ्टरो को कोयला उपलब्ध कराएगी

हमारे गेवरा एस ई सी एल संवददाता ने बताया कि नई व्यवस्था लागू होने से अनेक नामचीन कारोबारियों की मोनोपल्ली पर अचानक ग्रहण सा लग गया है। इसके साथ ही कई प्रकार के इफेक्ट भी देखे जा रहे हैं। कोयलांचल में अब इस बात की चर्चा है कि कारण चाहे जो हो लेकिन प्रबंधन अपनी व्यवस्था के अनुसार कोयला आपूर्ति करने पर ध्यान देगा। किसी भी स्तर पर दबाव की राजनीति नहीं चलेगी। यहां यह भी ध्यान रखना होगा कि व्यवस्था के बदलने से प्रबंधन के उन अफसरों की कमाई पर भी असर पड़ा है, जिन्हें लेकर कहा जाता रहा है कि मनमाने काम को करने के लिए उनके पास भी एक हिस्सा बराबर पहुंचता रहा।

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