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कोरबा /कोयलांचल/ शाजी थॉमस/सरकार जाने के बाद अब कांग्रेस का समीक्षा बैठक जारी है। कोरबा जिले में भी शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने हार को लेकर विचार मंथन किया गया। इस दौरान पुर्व राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल का गुस्सा फूटा। उन्होंने सीधे-सीधे प्रदेश के मुखिया को ही हार की असली वजह करार दिया।

भ्रष्ट अधिकारीयों ने किया कोरबा को बरबाद। जय सिंग

जय सिंग अग्रवाल ने कहा खासतौर पर कोरबा जिले में चुन चुनकर ऐसे अधिकारियों को भेजा गया। जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। जिससे कांग्रेस की छवि खराब हुई। कार्यकर्ताओं के साथ साथ आम जनता के काम नहीं हुए। चारों ओर लोगों में नाराजगी फैल गई। जिसका परिणाम यह रहा की पूरे राज्य में ही सत्ता परिवर्तित हो गई।

2018 के चुनाव में मिले जनादेश का सम्मान नहीं कर सके

जयसिंह ने कहा कि 2018 के चुनाव में हमारी पार्टी ने जिस तरह से चुनाव लड़ा। तब हम विपक्ष में थे। प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल थे। टीएस सिंहदेव के पास भी अहम जिम्मेदारी थी, हमे जो जनादेश मिला हम उसका सम्मान नहीं कर पाए। सरकार चलाने का जो तरीका था, वह एक ही स्थान पर केंद्रीकृत रह गया।

चुनिंदा लोगों के साथ मिलकर भूपेश ने चलाई सरकार।

भूपेश मंत्रिमंडल में मंत्रियों को जो अधिकार मिलने चाहिए थे वह नहीं मिल पाए, सिर्फ एक स्थान से सेंट्रलाइज होकर कुछ चुनिंदा लोगों के साथ 5 वर्षों तक काम किया गया। फिर सरकार के कामकाज पर जो आरोप लगा साथ ही कई तरह की बातें सामने आई। खींचतान का माहौल निर्मित हुआ। इन बातों का नुकसान कांग्रेस को हुआ। जिसके कारण भाजपा को इतना बड़ा जनादेश मिला।

महिलाओं को ₹1000 प्रतिमाह देने की भाजपा की घोषणा काम कर गई।

जयसिंह के यह भी कहा कि महिलाओं को ₹1000 प्रतिमाह देने के लिए बीजेपी ने इस योजना को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया। घोषणा पत्र तीन नवंबर को जारी हुआ। हमारा घोषणा पत्र 5 नवंबर को जारी किया गया। हम लेट हो गए और बीजेपी ने जो फार्म भरवाया उससे लोग प्रभावित हुए। मगर ये घोषणा उसी तरह के है जैसे कि प्रधानमंत्री ने कहा था लोगों का खाता में 15-15 लाख रुपए आएंगे।

सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हमारी ही सरकार कोरबा के विकास कार्यों को रोका ।

कोरबा विधानसभा की हार पर चर्चा करते हुए जयसिंह ने कहा कि कोरबा विधानसभा में मैंने कई काम कराया। जो काम नहीं हुए, उसके लिए सार्वजनिक उपक्रमों से सहायता ली। एसईसीएल क्षेत्र 199 करोड़,एनटीपीसी से करोड़ों का फंड विकास करने के लिए सेंक्शन कराया मगर कलेक्टर ने इस फंड को रोक दिया काम नहीं होने दिया। ऐसे अधिकारियों को चुन- चुनकर यहां भेजा गया जिन्होंने काम में व्यवधान उत्पन्न किय। चलते हुए काम को बीच में रोक दिया गया। जिससे लोगों में नाराजगी फैल गई। कार्यकर्ताओं के काम भी नहीं हो रहे थे। सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अधिकारियों को कोरबा में काम रोकने के लिए भेजा गया। गलत काम करवाए गए, जिससे कांग्रेस पार्टी यहां डैमेज हुई। न सिर्फ कोरबा में बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारी हार का मुंह देखना पड़ा।

क्या कुछ कहा पूर्व मंत्री ने देखिए वीडियो

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