कोरबा : जिले के मोती सागरपारा स्थित आदर्श मुक्तिधाम में चोरी छिपे शव का दाह संस्कार करने का मामला सामने आया है। अज्ञात लोगों ने इस कारनामे को अंजाम दिया है। इस घटनाक्रम ने मुक्तिधाम की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है। साथ ही केयरटेकर की चिंता बढ़ा दी है। इस बारे में कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है।

बता दें, मुक्तिधाम में यह घटना 19 नवंबर की रात को हुई है। यहां अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शवों का हिसाब रखा जाता है। इसके लिए 2 शिफ्ट में केयरटेकर रखे गए है। महिला कर्मी ने बताया कि, घटना वाले दिन रात को बाहरी गेट को कुछ लोग आए थे, जिन्होंने अज्ञात शव को जलाया और भाग गए। सवाल यह उठता है कि, केयरटेकर के होने के बावजूद ऐसा हुआ तो कैसे हुआ।

पुरुष कर्मी ने कोई खास जानकारी नहीं दी है। हसीना का सवाल है कि, शव जलाने वाले आखिर 11 दिन बाद क्यों नहीं आए, इसलिए मामला संदिग्ध लगता है। इस मामले को लेकर वार्ड के पार्षद और कोतवाली पुलिस को अवगत कराया गया है।

पार्षद संतोष लांनझेकर ने इस मामले को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि, व्यवस्था के अनुसार हिंदू समुदाय में होने वाली मौत को लेकर मृतकों का अंतिम संस्कार सूर्यास्त के बाद नहीं किया जाता है। ऐसी स्थिति में मोती सागरपारा के मुक्तिधाम में आखिर कौन सी मजबूरी के कारण 19 नवंबर की रात इस तरह का कारनामा किया गया।

दरअसल, मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई है। अज्ञात मृतक की अस्थियां मुक्तिधाम परिसर में सहेज कर रखी गई है। इनकी रासायनिक जांच के साथ विधि विज्ञान विभाग आगे पता लगा सकेगा की मृतक कौन था और उसके साथ आखिर क्या कुछ हुआ था। यह सब होने पर ही इस मामले से जुड़े उन लोगों के चेहरे बेनकाब हो सकेंगे, जिन्होंने शव को जलाने का काम किया है।

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