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कोरबा : हाथियों के दल के विचरण के कारण कोरबा व कटघोरा वन मंडल जलके, तनेरा व गुरमा सहित आसपास के दर्जन भर गांव में सप्ताह भर से धान खरीदी का काम ठप पड़ गया है। दोनों ही वनमंडलों में इन दिनों 88 हाथी विचरण कर रहे हैं।

पखवाड़े भर के भीतर पड़ोसी जिला सूरजपुर, कोरिया व रायगढ़ से हाथियों के जिले में प्रवेश करने से संख्या बढ़ गई। जिले में हाथियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिससे नुकसान का भी दायरा बढ़ने लगा है। कटघोरा वन मंडल के पसान व केंदई रेंज में 48 हाथी पखवाड़े भर पहले विचरण कर रहे थे। यहां सूरजपुर से 11 व कोरिया से दो हाथियें के आने संख्या 61 हो गई है।

इसी तरह कोरबा वन परिक्षेेत्र के कुदमुरा रेंज में 16 हाथी विचरण कर रहे थे यहां रायगढ़ से 11 हाथियों के आने से संख्या 27 हो गई है। दोनो ही वन मंडल क्षेत्रों में विचरण कर रहे हाथी जंगल के बजाए गांव के आसपास डेरा डाले हैं। धान फसल पक कर तैयार है। हाथियों के लिए बेहतर चारा साबित हो रही है। विडंबना यह है कि धान फसल को जितना चट करने से नुकसान होता है उससे अधिक रौंदने से हा रही है। किसानों को धान की सुरक्षा के लिए मचान में रतजगा करना पड़ रहा है। दल में बंटे हाथियों से अधिक खतरा लोनर हाथियों से है। इन दिनों साल्हो पहाड़ व उचलेंगा के आसपास दो लोनर विचरण कर रहे हैं। वन विभाग की ओर से लगातार मुनादी कराकर लोगों को हाथियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही हैं।

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